ॐ
ये रथ मेरा मैं राजा हूँ,
बड़ी शान से जीवन सैर करूँ |
ये इन्द्रियाँ हैं घोड़े,
गलत नहीं दौड़े
लगाम मेरी गुरू ने पकड़ी है,
मैं मन बुद्धि का साक्षी हूँ
बड़ी शान से जीवन सैर करूँ ||
मैं राजा इस तन का,
जीवन के इस चमन का
यहाँ तो सदा ही बहारे हैं,
जहाँ जाऊँ खुशी पाऊँ
बड़ी शान से जीवन सैर करूँ ||
मेरा ना कोई दुश्मन,
सभी से अपनापन
विचारों का है ये सारा खेल,
सुजागी का मैं दीप जलाऊ
बड़ी शान से जीवन सैर करूँ ||
प्रकृति मेरी दासी,
मैं पुरुष अविनाशी
मुझसे ही सारा जगत है बना,
मैं आत्म निश्चय में रहता हूँ
बड़ी शान से जीवन सैर करूँ ||
जगत है ये भूषण,
नहीं है दूषण
गुरु ने मेरी दृष्टि बदली,
मैं सारी सृष्टि का मालिक हूँ
बड़ी शान से जीवन सैर करूँ ।।
यही है तत्व मेरा,
यही है मेरी हस्ती
यहाँ तो सदा ही मस्ती मस्ती,
मैं बिन कौड़ी का बादशाह हूँ
बड़ी शान से जीवन सैर करूँ ।।
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21 июл 2024