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Ya Rab Kisi Behan Se Baradar Juda Na Ho l Anjuman Aarfi l Mustafabad Delhi l 2024 

ANJUMAN AARFI BAGHRA
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20 сен 2024

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Комментарии : 2   
@masumkaradiya5956
@masumkaradiya5956 26 дней назад
Lyrics : या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो ज़ैनब ने अपने भाई के लाशें पे की दुआ या रब किसी गरीब का टूटे न आसरा बहनो की चादरों से न किस्मत को बैर हो या रब हर एक रिदा के निगेहबा की खैर हो सारे जवानों पीर मेरे क़त्ल हो गए सारे जवानों पीर मेरे क़त्ल हो गए अट्ठारह शेर मौत की गोदी में सो गए मैंने दीन के शैदाईयों के ग़म ता ज़िंदगी न भूलूंगी दो भाइयो के ग़म एक भाई फ़ौज शाम के नरगे में खो गया और दूसरा फुरात के साहिल पे सो गया और दूसरा फुरात के साहिल पे सो गया मेरी भी तरह कोई मुसीबत ज़दा न हो या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (1) ज़ैनब ने रोके लाशाये शब्बीर पर कहा ऐ कारवाने ज़ोर असीरी ठहर ज़रा एक शेर सो रहा है लबे नेहरे अलकमा वो नौजवान दिलेर जरी भाई है मेरा (२) में लाशाये हुसैन से दरया पे जाउंगी अब्बास को बंधे हुए बाज़ू दिखाउंगी या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (2) जब ख़्वाहारे हुसैन सूए अलकमा चली लिखा है सर बरहना थी हैदर की लाड़ली आहट जरी ने दूर से कदमो की ढाप ली फरियाद करके तड़पा था नैज़े ग़मे अली (२) लोगो तराई से मेरी बस्ती उजाड़ दो मुझको उठा के गोरे गरीबा में गाड़ दो या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (3) ऐ बेकसी बुला ले मुझे अपनी गोद में गैरत कही छुपा ले मुझे अपनी गोद में ऐ आसमा उठा ले मुझे अपनी गोद में फट जा ज़मीं समां ले मुझे अपनी गोद में (२) में बेरिदा को देखूंगा क्योंकर फुरात पर शहज़ादी आ रही है खुले सर फुरात पर या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (4) ज़ैनब को दूर से जो नज़र आयी अलकमा लहजा अली के शेर का दुखयारी ने सुना देखा इधर उधर बड़ी हसरत से बारहा अब्बास ऐना ऐना की चिल्ला के दी सदा (२) पलकों पे आके खून के आंसू तड़पते थे दरया पे दो कटे हुए बाज़ू तड़पते थे या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (5) दरया कनारे बिन्ते अली आयी जिस घडी अब्बास को पुकारके लाशें पे गिर पड़ी आँखों से आंसुओ की लगी थी कोई झड़ी ये देख कर ज़री को अज़ीयत हुई बड़ी (२) आँखों के बीच अश्क मगर लब सिले हुए ज़ैनब के हाथ थे पसे गर्दन बंधे हुए या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (6) जब उठी पढ़ के नादे अली ग़मज़दा बहन बोली दिखा के खून में डूबी हुई रसन अब्बास मेरे भाई मेरे शेर शफशिकन लुट कर असीर हो गए नामूसे पंजेतन (२) चादर सिपाहे शाम के नरगे में खो गयी अठारह भाइयो की बहन क़ैद हो गयी या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (7) ज़ैनब पुकारी चूम के अब्बास का गला कुछ अपनी भी सुना मुझे क्या हाल है तेरा गोया बड़े अदब से हुई लाशें बावफ़ा मुजरा मेरा क़ुबूल करो बिन्ते फ़ातेमा (२) बीबी मुआफ कीजिये अपने ग़ुलाम को माथे पे हाथ रख नहीं सकता सलाम को या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (8) में अपना हाल क्या कहुँ शहज़ादि ए अज़म जो जान से अजीज़ था ठंडा हुआ अलम मुझपर गुज़र रहा है बड़ा ही शदीद ग़म जब से फुरात पर मेरे शाने हुए कलम (२) में क्या करू मुझे बड़ी तकलीफ होती है एक बीबी नंगे सर मेरे लाशें पे रोती है या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) (9) दुखिया है सोगवार है बे आसरा है वो रो रो के या बुनैया की देती सदा है वो ज़ैनब तड़प के बोली बहोत ग़मज़दा है वो अब्बास जान लो मेरी माँ फ़ातेमा है वो (२) तुर्बत में भी न चैन से सोयेगी फ़ातेमा अब्बास हश्र तक तुझे रोयेगी फ़ातेमा या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२) ---मकता-- ज़ैनब की बात हुक्मे सितमगर से कट गयी फौजे यज़ीद चलने को दरया से हट गयी खामोश आंसुओ में अज़ीयत सिमट गयी आरिफ ये कह के भाई से ज़ैनब लिपट गयी (२) मातम तो कर लू अपने फिदायी की लाश पर जी भर के रोने दो मुझे भाई की लाश पर या रब किसी बहन से बरादर जुदा न हो (२)
@amirhasanpappubhai193
@amirhasanpappubhai193 26 дней назад
जितनी गिरिया करो उतनी कम है अंजुमने आरफी को कलाम पड़ने का हक़ है संगत भी बहुत अच्छी है 😢😢😢
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Zahra Ki Dua
8:05
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7 Rabi-ul-Awwal Mustafabad | Anjuman Imamiya Kareempur
11:10
Mustafabad Delhi Moharram Juloos 30 oct 2016
7:03
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