Тёмный
@AMOKSHA26
@AMOKSHA26
@AMOKSHA26
Подписаться
अ-मोक्ष: जीवन की अन्तहीन यात्रा,



#viral #explorepage #trending #explore #instagram #tiktok #love #like #follow #instagood #likeforlikes #memes #music #followforfollowback #fyp #viralvideos #lfl #photography #likes #viralpost #indonesia #instadaily #india #model #cute #k #style #foryou #fashion #art
#चित्रण #कला #ड्राइंग #कलाकार #डिजिटलआर्ट #कलाकृति #स्केच #चित्रकार #डिजाइन #ड्रा #आर्टिस्टसनइंस्टाग्राम #पेंटिंग #इंस्टाआर्ट #स्केचबुक #ग्राफिकडिजाइन #आर्टऑफदडे #डिजिटलचित्रण #फैनआर्ट #प्रोक्रिएट #चित्रणकलाकार #रचनात्मक #डिजिटलड्राइंग #कला #इंकटोबर #इंक #प्रेम#ss2d #sachin dubey 555
Happy Family. Com(2)
2:18
3 месяца назад
सनातन सोच
6:35
4 месяца назад
देहात्म सम्बन्ध
21:21
5 месяцев назад
मैं और मेरा शरीर
9:08
5 месяцев назад
April 27, 2024
1:41
5 месяцев назад
April 27, 2024
8:08
5 месяцев назад
Комментарии
@Darshika-og9jn
@Darshika-og9jn 7 часов назад
नमस्ते सर क्या आप मनोविज्ञान समझा सकते हैं?इसके ऊपर विडियो बनाइए 😊
@RishuYadav-di3pn
@RishuYadav-di3pn День назад
Bahut sundar
@amoksha26
@amoksha26 18 часов назад
धन्यवाद,
@kamlapandey69
@kamlapandey69 3 дня назад
Bhut Sundar
@amoksha26
@amoksha26 3 дня назад
@@kamlapandey69 धन्यवाद
@LAXMINARAYAN-hl5xt
@LAXMINARAYAN-hl5xt 7 дней назад
Bahut sunder
@amoksha26
@amoksha26 6 дней назад
धन्यवाद।
@maheshchandrajoshi5821
@maheshchandrajoshi5821 7 дней назад
आदरणीय द्विवेदी जी आप प्रत्येक वी डी ओ में अपनी मधुर वाणी से अत्यंत सहज और सरल भाव में नियत कर्म को परिभाषित किया है और आनंदित करता है। आपके वी डी ओ को मैं अपने जनों को भेजते रहता हूं, जो सुनने और पढ़ने हेतु उद्यत रहते हैं। सादर।
@amoksha26
@amoksha26 7 дней назад
@@maheshchandrajoshi5821 धन्यवाद सर प्रणाम।
@keshavdayalkushwaha3676
@keshavdayalkushwaha3676 8 дней назад
Well explained.
@amoksha26
@amoksha26 8 дней назад
Thanks Sir
@AkankshaDwivedi-ov1or
@AkankshaDwivedi-ov1or 8 дней назад
बहुत सुंदर चिंतन
@amoksha26
@amoksha26 8 дней назад
धन्यवाद,
@chandandubey5516
@chandandubey5516 8 дней назад
💐🙏🏻
@Ram_Naresh_Tripathi
@Ram_Naresh_Tripathi 8 дней назад
👌👌 सप्रेम नमस्कार ! उक्त वार्ता को मैने भी ध्यानपूर्वक सुना! वार्ता मुझे अत्यंत सरल,सुगम,बोधगम्य एवं वर्ण्य विषय को सुस्पष्ट करती हुई लगी! जन्म,जरा,मृत्यु की प्रास्थितियों के साथ-साथ सत्, रज और तम् के गुणों का बोध हो जाने के बाद ही मानव की सोच में उन सबसे परे जाने की स्थितियां बनती हैं और तब मानव स्थितिप्रज्ञ बनकर अपने नियत्कर्मों को संपूर्ण करने की अर्हता प्राप्त कर लेता है! इस प्रकार वह अपने जीवन को यशपूर्वक आनंदमय बना सकता है और तभी उसका जीवन सार्थक भी होगा! शुभ कामनाएं 🙏🙏
@FatahNarainPradhan
@FatahNarainPradhan 8 дней назад
बहुत अच्छा, बन्धु ।
@amoksha26
@amoksha26 8 дней назад
धन्यवाद सर, प्रणाम।आपकी प्रोत्साहित करने वाली टिप्पणी का हार्दिक स्वागत है।
@amoksha26
@amoksha26 8 дней назад
धन्यवाद, सर
@rvs682
@rvs682 7 дней назад
Sundar vyakhya 👏🙏🏻
@amoksha26
@amoksha26 8 дней назад
कृपया चैनल को सब्सक्राइब न किये हों तो सब्सक्राइब करें। अपने विचार कमेंट बाक्स में भी लिखें।
@Vaf23230
@Vaf23230 20 дней назад
आप ने अपने इस विडियो मे इतना अच्छा समझाया है,जिसे सुन कर बहुत अच्छा लगा और ज्ञान प्राप्त हुआ 🙏🙏
@amoksha26
@amoksha26 20 дней назад
@@Vaf23230 धन्यवाद।
@abhimanyutiwari8884
@abhimanyutiwari8884 20 дней назад
जीवन के स्वर को समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 💐🙏🏽
@amoksha26
@amoksha26 20 дней назад
@@abhimanyutiwari8884 धन्यवाद, प्रणाम।
@rvs682
@rvs682 24 дня назад
🙏🙏
@sanatani49
@sanatani49 25 дней назад
🙏🙏
@manajarimishra1242
@manajarimishra1242 25 дней назад
🙏🙏🙏
@abhimanyutiwari8884
@abhimanyutiwari8884 25 дней назад
बहुत बढ़िया लगा ।। सुनकर सुखद जीवन जीने का मार्ग दर्शन मिला 💐👍🏽
@amoksha26
@amoksha26 25 дней назад
धन्यवाद सर, प्रणाम। कृपया इसे अपने मित्रों को भी शेयर करें।
@amoksha26
@amoksha26 25 дней назад
धन्यवाद सर प्रणाम।
@arvindprasoon9683
@arvindprasoon9683 25 дней назад
भावप्रवण व प्रभावशाली समझ के साथ प्रस्तुति, सभी श्रोताओं के लिए बेहद अहम। 🎉🎊🌺
@amoksha26
@amoksha26 25 дней назад
धन्यवाद, कृपया इसे अपने मित्रों को शेयर करें और उनसे भी अनुरोध करें कि वे भी अपने मित्रों और रिश्तेदारों को शेयर करें।
@alkamishra9806
@alkamishra9806 25 дней назад
Great
@amoksha26
@amoksha26 25 дней назад
धन्यवाद आदरणीया! शुभकामनाएं।
@n.k.dwivedi9819
@n.k.dwivedi9819 25 дней назад
🎉 प्रणाम करता हूं गुरु जी
@FatahNarainPradhan
@FatahNarainPradhan 25 дней назад
आप की वाणी और कथ्य दोनों ही सदैव से उत्तम रहे हैं। आप परिश्रम से वीडियो तैयार करते हैं।असहमति का तो सवाल ही नहीं होता। रही बात टिप्पणी करने की तो दर्शन ,आध्यात्म के विषय में मेरी जानकारी अत्यल्प है और यही कारण है कि मैं टिप्पणी नहीं कर पाता लेकिन सुनता जरूर हूँ।लोगों की प्रतिक्रियाएं खासतौर से त्रिपाठी सर जी की ,भी पढ़ता हूँ।❤❤
@amoksha26
@amoksha26 25 дней назад
बहुत ही सुन्दर।आप मेरे इस वीडियो को अपने मित्रों को शेयर करें और उनसे अनुरोध करें कि वे सुनें और वे भी अपने मित्रों परिचितों को शेयर करें।
@amoksha26
@amoksha26 25 дней назад
धन्यवाद, कृपया इसे अपने मित्रों को शेयर करें और उनसे भी अनुरोध करें कि वे भी अपने मित्रों और रिश्तेदारों को शेयर करें।
@amoksha26
@amoksha26 25 дней назад
कृपया वीडियो पूरा देखें ताकि आप कोई प्रश्न कर सकें और आपके प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास होगा। 2- आपको वीडियो अच्छा लगे तो इसे शेयर अवश्य करें।
@abhimanyutiwari8884
@abhimanyutiwari8884 26 дней назад
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ।। सुनकर बहुत अच्छा लगा ।। विषयक अज्ञानता बस चाह कर भी कुछ कमेंट कर पाना मेरे लिए मुसाकिल है 💐🙏🏽
@nagchannel5298
@nagchannel5298 26 дней назад
परात्पर रूप में साक्षी है, अंतर्यामी रूप में घट घट वासी हैं। 'हाथी के पग नूपुर बाजे सो भी साहब सुनता है ' -कबीर ❤
@amoksha26
@amoksha26 26 дней назад
@@nagchannel5298 धन्यवाद बन्धु!
@amoksha26
@amoksha26 26 дней назад
सर्वं खल्विदं ब्रह्म के माध्यम से औपनिषदिक आचार्यों ने कवीर जैसे लोगों के विचारों का जड़ से समापन कर दिया है। श्रीकृष्ण के विचारों का भी इसी तरह से समापन हो जाता है।
@nagchannel5298
@nagchannel5298 26 дней назад
पूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्ण विमुच्यते। पूर्णात् पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।। ब्रह्म प्याज कटने से अपना पूर्व रूप खो नहीं देता है, वह जगत में है और उसके परे भी है। शास्त्रों में ब्रह्म को अंतर्यामी तथा परात्पर दोनों ही कहा गया है। जय मां गुरु ❤
@amoksha26
@amoksha26 26 дней назад
@@nagchannel5298 प्याज अपने छिलकों के अतिरिक्त कुछ नहीं है। छिलकों का संघटित रूप ही प्याज है।इसी तरह से यह दृश्यमान और अस्तित्ववान् जगत् परमात्मा ही है।
@Ram_Naresh_Tripathi
@Ram_Naresh_Tripathi 28 дней назад
👌👌 अत्यंत सराहनीय वार्ता!...श्रद्धावान होने से हमारे सामर्थ्य,ज्ञान और निरंतर सीखकर आगे बढ़ने की मानवीय प्रवृत्ति बाधित होती है! यह हममें नीर-क्षीर के अंतर को समझने का विवेक भी बाधित करती है ! जबकि हमारे जिज्ञासु होने या अपनी शंकाओं का समाधान पाने हेतु निरंतर संसयी बने रहने से हमारी ज्ञान-पिपासा निरंतर प्रशस्त बनी रहती है और हम नित नए ज्ञान-विज्ञान से परिचित भी होते जाते हैं! अतः ज्ञान-पिपासा की शांति हेतु संसय करने की प्रवृत्ति ही हमारी अभीष्ट होनी चाहिए ! यहां हमें संसय और अविश्वास के बीच के अंतर को भी समझना होगा क्योंकि ज्ञानार्जन के लिए अविश्वास करना भी हमारा ध्येय कदापि नही हो सकता! इसलिए श्रद्धावान होने की अपेक्षा हमारा संसयी बने रहना ही अभीष्ट होना चाहिए ताकि हमारा नीर-क्षीर का विवेक भी बना रह सके किंतु उस ज्ञानदाता के प्रति अविश्वासी बनने से अच्छा है कि हम उसे छोड़कर ज्ञानार्जन हेतु आगे बढ़ लें! शुभ कामनाएं 🙏🙏
@amoksha26
@amoksha26 28 дней назад
@@Ram_Naresh_Tripathi बहुत ही सारगर्भित टिप्पणी है सर! प्रणाम।
@Ram_Naresh_Tripathi
@Ram_Naresh_Tripathi 28 дней назад
🙏🙏
@PriyadubeyDubey-os3nu
@PriyadubeyDubey-os3nu 29 дней назад
🙏🙏🙏
@kusumdwivedi531
@kusumdwivedi531 Месяц назад
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है।
@MamtaChaubey-i3m
@MamtaChaubey-i3m Месяц назад
Bahot sundar prastuti 🎉
@amoksha26
@amoksha26 Месяц назад
@@MamtaChaubey-i3m धन्यवाद।
@RAHULKUMAR-hl6pd
@RAHULKUMAR-hl6pd Месяц назад
Sir pranam abhyuday seva samiti phoolpur varanasi
@Ram_Naresh_Tripathi
@Ram_Naresh_Tripathi Месяц назад
वार्ता में कई शंकाओं का निवारण करने हेतु साधुवाद! जैसे प्रमुखत: यह स्पष्ट हुआ कि जीवात्मा निरंतर गतिशील है और वह कभी भी,किंचित भी विराम नहीं लेती ! सृष्टि की इस व्यवस्था से कोई भी मुक्त नही है! ऐसी स्थिति में, तथाकथित "मोक्ष" की अवधारणा ही असत्य पर टिकी हुई है! दूसरा , गीता में श्री कृष्ण के द्वारा कहे गए "सर्व धर्मान् परित्यज्य मामेकम् शरणम् ब्रज!....." के बारे में फैलाई गई यह भ्रांति भी दूर हो गई कि श्री कृष्ण का आशय अर्जुन को शरणागत होने पर उसे "मोक्ष* देने का था क्योंकि शरणागत अर्जुन तभी होगा जब वह निष्काम-भाव से युक्त होकर शरण में आए और उसका ये निष्काम होना संभव ही नहीं है ...मोक्ष की कामना तो उसके साथ लगी ही है! ऐसी स्थिति में, उसे "मोक्ष - भाव" से विरत होकर अपने लिए नियत किए गए कर्मों का संपादन करना होगा , बिना यह सोचे कि उसके कर्म संपादन का उसे सुफल मिलेगा या कुफल? हां,यह अवश्य है की उसका प्रत्येक कर्म परिणामी भी है और उसके करने का पुरस्कार और न करने का दंड भी मिलना है! यह उसे इह लोक और परलोक दोनों में मिल सकता है! अर्जुन श्रीकृष्ण के उपदेशों का मूलार्थ समझकर स्वनिर्णय से स्वकर्म युद्धार्थ उद्यत भी हो गया और श्रीकृष्ण ने उसके साराथित्व को स्वीकार कर लिया! ज्ञानपूर्ण वार्ता एवं शंकाओं के निवारणार्थ आपको साधुवाद! शुभ कामनाएं 🙏🙏
@amoksha26
@amoksha26 Месяц назад
धन्यवाद सर, प्रणाम। बहुत ही सारगर्भित टिप्पणी किया है आपने।
@ajaydube9527
@ajaydube9527 Месяц назад
🙏नियत कर्म की साधना ही जीवन का लक्ष्य है I 🙏
@amoksha26
@amoksha26 Месяц назад
शुभाशीष अजय!
@abhyudayasevasamiti3589
@abhyudayasevasamiti3589 Месяц назад
Jai shree krishna mama
@neetadubey9486
@neetadubey9486 Месяц назад
Pranam bhaiya
@amoksha26
@amoksha26 Месяц назад
जय हो।
@deonathprasadvishwakarma3335
@deonathprasadvishwakarma3335 Месяц назад
हर काम परिणामी होता है।नियत कर्म फल रहित होना चाहिए।आवा-गमन का बना रहना ही अ-मोक्ष है।35:04 मिनट की स्पष्ट व्याख्या एवं सर्व समाज को जागरूक करने हेतु आभार,हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाओं सहित आदरणीय सपरिवार को सादर अभिवादन ।इन्जी0डी0एन0प्रसाद विश्वकर्मा,मिर्जापुर।
@sanatani49
@sanatani49 Месяц назад
Bahut sundar prastuti 🙏
@sushilkumarshukla3218
@sushilkumarshukla3218 Месяц назад
बहुत सुंदर 👍❤️
@vishwabehari9142
@vishwabehari9142 Месяц назад
मैंने आपके पूरे आख्यान को ध्यान से सुना। अवगत ही हो कि हम पहले भी कभी कभी इस विषय पर बात करते रहे हैं। मैं भी मानता हूँ कि जीवन की निरन्तरता चलती ही रहती है और आवागमन की प्रकरिया अनवरत है और मोक्ष काकोई प्रमाण अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं है। नियत कर्म की साधना ही जीवन का लक्ष है जहाँ तक गीता को मैं समझ सका हूँ।
@amoksha26
@amoksha26 Месяц назад
@@vishwabehari9142 बहुत बहुत धन्यवाद सर प्रणाम
@MahedraDubey
@MahedraDubey Месяц назад
Very nice Article Dhanyawad
@satishmishra9028
@satishmishra9028 Месяц назад
🙏🙏🙏
@amoksha26
@amoksha26 Месяц назад
प्रिय श्रोता! आपको मेरा वीडियो अच्छा लगा है तो अपने भावनाओं को अवश्य व्यक्त करें और यदि कोई सुझाव हो तो उसे भी लिखें। मेरे चैनल को सब्सक्राइब करें और अपने मित्रों को शेयर करें ताकि अन्य लोग भी लाभान्वित हो सकें।
@runumajumdar794
@runumajumdar794 Месяц назад
बहुत सुंदर प्रस्तुति 🙏
@RishuYadav-di3pn
@RishuYadav-di3pn Месяц назад
Bahut hi accha Jai shree krishna
@rvs682
@rvs682 Месяц назад
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है 🙏
@Vaf23230
@Vaf23230 Месяц назад
Incredible explanation 👏
@mr.abhigamer7779
@mr.abhigamer7779 Месяц назад
🙏🙏
@ShriRam-m7l
@ShriRam-m7l Месяц назад
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आप द्वारा प्रस्तुत विचार बहुत ही ज्ञानवर्धक है। आपके विचार सुनने के उपरांत श्रीमदभागवत गीता पढ़ने की आवश्यकता ही नही पढनी चाहिए, वशतेँ केन्द्रित होकर सुने। जन्माष्टमी की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं।
@amoksha26
@amoksha26 Месяц назад
धन्यवाद बन्धु!इसे अपने मित्रों को भी शेयर करें।
@bipinmishra8498
@bipinmishra8498 Месяц назад
बहुत सुंदर
@chandandubey5516
@chandandubey5516 Месяц назад
🙏🏻
@virendrachanda7768
@virendrachanda7768 Месяц назад
बहुत सुन्दर प्रस्तुति सादर अभिवादन
@Dhirajkdubey
@Dhirajkdubey Месяц назад
🙏
@sharadsrivastav9316
@sharadsrivastav9316 Месяц назад
Bahut saral shbbdon mey vykhyan sarahaneey sri ji