भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आप द्वारा प्रस्तुत विचार बहुत ही ज्ञानवर्धक है। आपके विचार सुनने के उपरांत श्रीमदभागवत गीता पढ़ने की आवश्यकता ही नही पढनी चाहिए, वशतेँ केन्द्रित होकर सुने। जन्माष्टमी की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं।
हर काम परिणामी होता है।नियत कर्म फल रहित होना चाहिए।आवा-गमन का बना रहना ही अ-मोक्ष है।35:04 मिनट की स्पष्ट व्याख्या एवं सर्व समाज को जागरूक करने हेतु आभार,हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाओं सहित आदरणीय सपरिवार को सादर अभिवादन ।इन्जी0डी0एन0प्रसाद विश्वकर्मा,मिर्जापुर।
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मैंने आपके पूरे आख्यान को ध्यान से सुना। अवगत ही हो कि हम पहले भी कभी कभी इस विषय पर बात करते रहे हैं। मैं भी मानता हूँ कि जीवन की निरन्तरता चलती ही रहती है और आवागमन की प्रकरिया अनवरत है और मोक्ष काकोई प्रमाण अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं है। नियत कर्म की साधना ही जीवन का लक्ष है जहाँ तक गीता को मैं समझ सका हूँ।