सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो आर्यावर्त की जय हो भारत माता की जय हो गुरुवर महर्षि दंडी विरजानंद की जय हो महर्षि दयानंद की जय हो आर्य समाज अमर रहे वेद की ज्योति जलती रहे ओम का झंडा ऊंचा रहे आर्या बहन जी को नमस्ते विनयआर्य जी को नमस्ते
नमन ऐसे श्रेष्ठ उद्देसो के लिए 👏🌹🌹मेँ आर्य योगेशर पवार, आर्य शब्द को नाम जे आगे लिखकर आपके उद्देसो मेँ समलीत्त होगया हूँ, मुझे यह जानकारी पहली बार आज ही इस वीडियो के माधम से पता चली, मुझे बहुत सुकून मिला की इतने नेक उद्देसो से भरा आर्य समाज,, मेँ कोटि कोटि नमन करता हूँ ऐसे श्रेष्ठ उद्देस्ययो को 🌹👏👏नमन हैं
आज विनय जी ने आर्य समाज के 149 वर्ष पूर्ण होने पर आर्यसमाज के कुछ कार्यों की चर्चा हमारे समक्ष की है।वास्तव में आर्यसमाज के कार्यों की गणना की जाए तो उसके लिए 2,3 दिन भी कम पड़ जाएँगे। ये वीडियो बहुत ही उपयोगी है क्योंकि इसके माध्यम से हमने बहुत सारे कार्यों के विषय मे जाना और हमे गर्व है कि हम आर्यसमाज से जुड़े हुए हैं। आर्यसमाज अमर रहे
काश आर्य समाज के विद्वानों की उपदेश सभाओं में पौराणिक पंडितो कथा में आने वाली भीड़ का दस वा हिस्सा भी आ जाए तो कभी कोई पाखंड नही फैला सकता है और नही कोई विधर्मी कभी हमे धर्म के बारे में बहका सकेगा। ❤
हिन्दूओं को एक करने वाले सत्य सनातन धर्म आर्य समाज के संस्थापक पूजनीय महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की सदा जय हो। वैदिक धर्म व वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि को सत सत नमन। जय आर्य समाज।।
आज सनातन धर्म को बचाने मे सिर्फ और सिर्फ आर्य समाज ही सक्षम है आज का युग शिक्षा और विज्ञान का है इस युग मे आज के कथावाचक और पाखंडी आध्यात्मिक गुरू नही ठहर सकते। आज सभी हिन्दु सानतनियो को अपने बच्चो को आर्य समाज से जोडना चाहिए ताकि यह बच्चे भविष्य मे वेदो का ज्ञान प्राप्त कर इन तथाकथित कथावाचको और पाखण्डी आध्यात्मिक गुरूओ के शोषण से बच सके। ॐॐॐॐॐॐ
🌹🙏🙏Alag jatiyon m sanskar arya samaj ki tarah hone chahiye. This is Also true We are lucky to know Maharishi Dayanand from early childhood. Thanks a lot for this vedio.🙏🙏🌹.
हमारी भारत भूमि दैवीय चैतन्य भूमि है यहां जब जब सनातन में सामाजिक आर्थिक आत्मिक संकट रोग पैदा होते हैं उनको ठीक करने के लिए ईवरीय शक्तियां अवतरित होते हैं उन में से शिव अवतार महर्षि दयानंद सरस्वती जी थे जिन्होंने आर्य समाज का मार्ग स्थापित करके सनातन धर्म को पुनर्स्थापित किया श्री भगवान शिवस्वरूप महर्षि दयानंद सरस्वती जी की जै हो।
आज आर्य समाज विश्व भर में स्थापित हो चुका है जो वैदिक ज्ञान को प्रसारित करने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है।राम और कृष्ण की जय कार उद्घोष यज्ञ समाप्ति पर अनिवार्य है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान् हमारे आदर्श है हम सभी आर्य पुत्र हिन्दू महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज के ऋणी है जिन्होंने सत्य सनातन वैदिक धर्म का उपदेश देकर आर्य पुत्र हिन्दू समाज को जाग्रत किया।। ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।।
@HaridevSharma अरे मूढ़ हम आर्य नहीं हिन्दू है आर्य श्वेत लोगो का प्रजाति है जो खुद को भूरे पीले और काले लोगो से श्रेष्ठ समझते थे और आज भी वे ऐसा ही समझते है वे लोग यूरोप आदि देशों में रहते है |
अरे महा विद्वान जी जैसे चीन का चीनी जर्मनी का जर्मन, अमेरिका का अमेरिकी होता है वैसे ही आर्यावर्त का रहने वाला आर्य ही कहलाएगा ना, कुछ ज्ञान नहीं शर्मा लगा लिया आगे अपने, पौराणिक पाखंडियों ने आर्यावर्त देश को रसातल में पहुंचा दिया@@rameshverma4461
हिंदू समाज सनातन धर्म विभिन्न जातियों में बटा हुआ है,जो हिंदू धर्म को कमजोर करने का मूल कारण है, यदि हिंदू समाज अपने नाम के साथ अपनी जातियों की उपाधि को छोड़कर एक ही उपाधि आर्य लिखना शुरू करें तभी या हिंदू समाज जाति भी हो सकता है और मजबूत भी हो सकता
जब जब धर्म लुप्त हो जाता है?तब तब पूर्ण युग महापुरूष आते हैं। ब्रह्मज्ञान के द्वारा सत्य मार्ग को जाना जाता है। राम कृष्ण अलग नहीं हैं। कोई अंधार्मिक ब्यक्ति मार्ग नहीं दिखा सकता ? आवश्यकता हैं ब्रह्मज्ञान लेने की ।ब्याखयान देने की नहीं।जय श्रीराम
श्रीराम स्वयं वेद स्वरूप हैं श्री कृष्ण स्वयं वेद स्वरूप हैं और शिव स्वयं वेद स्वरूप हैं और महर्षि दयानन्द सरस्वती जी स्वयं शिवस्वरूप हैं और उनसे चलाया गया आर्यसमाज कैसे श्रीराम श्री कृष्ण की अवेहलना कर सकते हैं यह सब आर्यसमाज को बदनाम करने केलिए यहबात उठाया गया होगा।
आर्य समाज सृष्टि के आदि काल से सभी महापुरुषों को यथार्थ मानते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र और योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान् वैदिक संस्कृति के उदाहरण स्वरूप है। स्वामी दयानन्द सरस्वती जी सभी महान आत्माओं और विदुषी बहिनों और विद्वान पुरुषों को यथार्थ रूप में मानते हैं।
ये बात माननी होगी, दयानंद जी ने होते तो आज तक सनातन की बहुत दुर्दशा हो गई होती जैसे हम देख रहे हैं चारों तरफ़ सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश हो रही है ये बहुत हद तक सफल हो गये होते
Om ka atomic baad kaha se nikalta hai?malum hai?Narayan ke right leg ke thumb me se ye sanatan naad(nikalta hai jo pure anant brahmand me failta hai jo 5 elements create karta hai.
Sanatan me sociorelegious reforms ki zarurat hai arya smaj Shastra aur sewa an inspiration Traditional modernisation of sanatan nayak swami dyanand sarvsati really it is parivartan kranti
मुझे लगता हैं कि विवाह के लिए जी बात कही गईं कि बेटा बेटी अपने गुण अनुसार किसी भी जाति मेँ सादी कर सकती हैं, मेरा कहना इसमें यह हैं कि सादी की आखरी रजामंदी बुजुर्गो की सलाह व निर्णय से होना उचित हैं क्योंकि, युवक युवती विवाह की उम्र मेँ गंभीर नहीं होते भावुक होते हैं जिसकी वजह से गलत साथी से विवाह कर लेते हैं परिणाम यहां तक पहुंच गया हैं की अब सादी नहीं अग्रीमेंट होते 1साल दो साल चार साल केलिए, एक व्यक्ति ककी की अग्रीमेंट होते हैं, जोकि शर्म नाक हैं, और इसलिए यह भी परिणाम आया हैं कि होने वाले बच्चे के पिता का पता नहीं चलता तो सरकारों ने माता का नाम डलवाना सुरु कर दिया, इस तरह से विदेशो कि नकल न कीजाय 👏🌹
"Namaste, sir. I recently watched your video and found it highly enlightening. Since childhood, I have been fascinated by the Vedas and have always wanted to read them. However, whenever I approached my Hindu acquaintances for guidance on obtaining the original texts, they seemed unable to provide me with the necessary information. Could you please assist me in finding authentic sources or translations of the Vedes.
Ved yagya om shri Ram shri Krishan sanatan hai Happy healthy prosperous and secured smaj ke liye sociorelegious refoms zaruri hai aryan hamare purvaj purvajo se smaj aur smaj parivartan swami Dyanand sarvsati
श्रीमान जी आपका वीडियो पूरा सुना . आर्य समाज के विद्वान स्वयं ही अपने नाम के साथ शर्मा, वर्मा, गुप्ता। गर्ग अग्निहोत्री आदि लिखते है। क्या आप बताएंगे यह आर्य समाज की गोत्र है या क्या है आर्य समाज केवल मूर्तियां का खंडन कर पाया है लेकिन मूर्तियों पूजा बंद हो पाई । आर्य समाज कहां पर जातिवाद छुआ छूत को दूर कर पाया है छुआछूत भेदभाव बदस्तूर है । अधिकांश देखा जा रहा है कि आर्य समाज के पद किसी भी आर्य समाज के पास नहीं है वर्तमान मेंसारे पद गुप्ता जी, शर्मा जी, परमार, बर्मा जी जाति पाति छूआ - छूत करने वाले ही है। यदि आर्य समाज छुआछूत भेदभाव को दूर कर लेता तो संपूर्ण भारत का मनुष्य आर्य हो जाता