कुंडलिनी चक्र जागरण में दूसरा चक्र है स्वाधिष्ठान चक्र। स्वाधिष्ठान चक्र का जागरण आसन, प्राणायाम और चक्र ध्यान पद्धति से किया जा सकता है। स्वाधिष्ठान चक्र में गड़बड़ी से किडनी रोग, Urinary Bladder या मूत्र रोग समस्या, Infertility या बांझपन, Women Period Gynecological Problem , यौन रोग , प्रेमसंबंध में दिक्कतें जैसे कई समस्या आती है। वहीं स्वाधिष्ठान चक्र के जागरण से हमारे अंदर सकारात्मक व रचनात्मक ऊर्जा यानी Positive and Creative Energy सक्रिय होती है। हम जो Dream देखते है उसे पूरा करने की क्षमता विकसित होती है। ऐसे Personality व्यक्तित्व हर कार्य को बड़े उमंग व जोश के साथ संपन्न करता है।
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29 мар 2020