भारतीय समाज वर्णवादी समाज है। भारत की सामाजिक-राजनैतिक-सांस्कृतिक चिन्तन में जाति एक माध्यम है। The Talk Show के पहले एपिसोड में विकास साल्याण द्वारा प्रोफेसर सुभाष चन्द्र जी से जातिगत जनगणना पर एक छोटी व महत्वपूर्ण चर्चा।
हर रोज हजारों किस्म के आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं तो पिछड़ों की हिमायती सरकारों को जातिवार आंकड़े एकत्रित करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. यदि सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व जाति के आधार पर मिल रहा है तो जातिवार गिनती करने में कोई हर्ज तो है नहीं। - प्रोफेसर सुभाष चन्द्र
14 окт 2024