आम नागरिक की तरह नेताओं पर भी कानून समानता के अनुसार लागू किया जाएं। कानून के पालन में वी आई पी कल्चर समाप्त हो। जिस किसी पर भी क्रिमिनल केस दर्ज हो। उसको चुनाव लडने पर रोक लगाई जाए।
जब तक न्यायिक सुधारों पर काम नहीं होगा भारत में कोई सुधार कार्य नहीं कर सकता। जब तक खुद की सोच समझ को छोड़कर सिर्फ कानूनी मान्यताओं के आधार पर न्यायालय निर्णय नहीं देंगे और निर्णयकर्ता सर्वशक्तिमान बना रहेगा तब तक कोई सुधार फलदाई नहीं हो सकता
जयसियाराम।। कानून सही बनने से तो पुलिस रिफॉर्म अपने आप ही हो जाएगा सर कानून सही नहीं बने हुए हैं इसीलिए तो पुलिस बिगड़ गई है। अन्यथा तो आप कितनी ही पहले भी ट्रेनिंग दे रहे हैं और कितनी ट्रेनिंग देते जाइए कुछ भी नहीं हो सकता जब तक कि कानूनन जिम्मेदारी तय नहीं होती
सरदाना सर प्रणाम कानून बदला जाए या ना बदला जाए कोई फरक नही पडने वाला हैं रसूख दारो केलिए नपहले था नअब आगे होगा गरीब अशक्तो के लिए पहले भी था अब भी होगा ही खास करके कहाँ जाए तो कौए को बेल पक्ने ना खुशी होती हैं ना ही विष्मात
कानून कितना भी बदल दो कितना भी नया कानून बना दो पुलिस का रवैया तो वैसा ही रहेगा क्योंकि पुलिस तो रस्सी का सांप ,और दिन का रात और रात का दिन बना देती है इसलिए पुलिस के लिए भी कानून सख्त बनना चाहिए
Jo bhi online FIR Karega usko apna Aadhar card pan card aur Bank ka account number dena jaruri kiya jaaye taki koi farji aadami farji FIR mein police ko pareshan na hona pade
बहुत सटीक विश्लेषण है, आपने एक अन्य विश्लेषण में भी सरकार को कानूनों का दुर्पयोग होने पर किसी को जिम्मेदार न बनाया जाना घातक है फिर नये और पुराने कानूनों में कोई अंतर ही नहीं रह जायेगा, सिस्टम को जिम्मेदार बनाया जिन चाहिए।
Sir, I strongly feel that it's a positive step towards improving the quality of life of the people by clarifying and updating the laws. However, a lot to be done. And surely it has to be done stepwise otherwise everything will go haywire and the system will collapse. Sir, we all know that bad habits die hard. Kadam badhaye hain to jaroor manzil par to pahunchenge hi. I hope the efforts will continue with full dedication.
पुलिस और ज्यूडिशियल रिफार्म्स भी बहुत जरूरी है।पुराने फाइनेंसियल कानून जो आज रेलिभेन्ट नहीं हैं और देश की तरक्की में बाधक हैं,उनको भी बदलने की जरूरत है।अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है।
Sir thanks, this government is 100 time better than all government, it take efforts to change past mistakes and out dated laws system,,pro nation , citizens common man and women 🙏🙏🙏salute, stong,firm,determined
सरकार ने कानून बनाया है और यह अच्छी बात है कि जो गुलामी के निशाने थे जो अंग्रेजों का कानून था उसेहटाए लेकिन बात वहीं पर आकर अटक जाती है की हिंदुस्तान में अंग्रेजों से पहले पुलिस नहींहुआ करती थी पुलिस को बनाया ही इसलिए गया कि अपने ही लोगों पर अत्याचार हो तो मेरे हिसाब से पुलिस की कुछ सीमाएं तो होनी चाहिए अगर पुलिस किसी व्यक्ति के साथ गलत करता है तो उसकी शिकायत पुलिस में नहीं होकर कोईअन्य एजेंसी में इसकी शिकायत होनी चाहिए जो पुलिस के कामकाज की निगरानी रखें और उन पर सख्त कार्रवाई करें जैसे सीआईडी अगर कोई पुलिस वाला या पुलिस ऑफिसर किसी आम नागरिक के साथ दुर्व्यवहार करता है तो उसकी शिकायत सीआईडी जैसे किसी अन्य एजेंसी के पासहोनी चाहिए
पुलिस सेवा concurrent list में आना चाहिए, जिससे राज्य सरकारें पुलिस का गलत use ना कर सकें। आजकल राज्य सरकारें पुलिस को अपना एक cadre मानने लगी हैं और उसे अपने हित में ही इस्तेमाल करती हैं।
आदरणीय विजय सरदाना जी नमस्ते । मान्यवर आपने जो बातें बताई उनमें से अधिकतर बातें तो आज भी कानून में अवेलेबल है। सवाल इस बात का है कि वह कौन से कानून है जो ब्रिटिश टाइम से अवेलेबल है लेकिन आज हम लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन नहीं कर पा रहे हैं? उन में क्या बदलाव किया गया है? माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनेकों अच्छी वकील इन कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं? कृपया इन विषय पर अपना वीडियो तैयार कीजिए। धन्यवाद। सुखबीर सिंह k e m w a l
Well looked after personal will gradually convert to better person and a better person will convert to better parent, better spouse, better citizen and also better police. Moral training is also need of the hour. May take some time. Remember first step is well being of police personal.
Judiciary reform karo , Judges please think what you are giving to society ?? See how educated class are sometime defamed , its a grest concern Do something , no one going to leave in this world forever ??
एक गाड़ी है जो झारखण्ड मे बैंक लोन से खरीदी गयी, बिहार मे वह गाड़ी उनके भतीजे के यहाँ विश्वास कर छोड़ दिया और भतीजे ने विश्वास जता इन्शुरन्स के नाम पर ओरिजनल डॉक्युमेंट ले लिया पर उसके बाद गाड़ी भेजनें से मना कर दिया और अभी तक नहीं लौटाया!कम्प्लेन किया पर दो राज्यों का मामला होने के कारण कम्प्लेन पर कोई त्वरित करवाई नहीं हो रही है, क्या करना चाहिए!चाचा भी बिहार का ही नैटिव है!
Sardana jee pahlee to kuch change nahi huwa ,ab kuch ho raha to janta ko chain nahi ?? sab ekk bar mee kaisse sudhreega , Janta ko ye baat samajhna chaiyee , Rahul bahut kuch ulta sidha bolta hai , Uski bhi class lanee chaiyee **
🙏Namaste🙏Har Har Mahadev🔱Jai Sree Ram 🏹Vande Mataram🇮🇳 Vasudaiva Kutumbakam🙏Bharat is Mother of Democracy*🙏 👍Sanatana Dharma is the only solution for Global Peace 🌍 Satyameva Jayate🙏
संसाधन के सवाल? 1) मंत्रियों, अफसरो के घर पर पुलिस को नौकर बना के रखना ban हो, दोषि मंत्रियों/अफसरों को सजा हो। 2) तब crime control को पुलिस force की संख्या बढ़ी मिलेगी। 3) दोषी नेता, जजों, सरकारी वकीलों, ias, sdm, तहसीलदार आदी को भी कड़ी सजा हो, जब वो जानबूझकर अन्याय करें या बड़ी लापरवाही करें।
ये नागरिकों को यहाँ से वहाँ (pillar to post) भगाने की दक्षता केवल सरकारी संस्थानों तक सीमित नहीं है। ये रोग निजी संस्थानों में भी प्रचलित है। मैं इसका स्वयं भुक्तभोगी हूँ। उदाहरण के लिए HDFC Bank, Kotak Bank और Air India.
Sir matrimonial केस क्या अब भी वैसे ही रजिस्टर होंगे जैसे पहले होते थे सब के नाम add करवा दो एफआईआर में क्या होगा 498A का क्या होगा 406का क्या सच में 3 साल में कोर्ट का verdict हो पाएगा क्या ये संभव होगा । सर आगे आगे यही होगा आने वाली 15 साल बाद । सबसे ज्यादा case matrimonial ही होंगे ।
कई अपराधियों पर कई केस एक साथ चलते है और उन्हें जमानत पर जमानत मिलती जाती है...जिससे ऐसे आदतन अपराधियों के हौसले बुलंद होते है... चूंकि डिजिटिलाइजेशन में केवल आधार कार्ड डालते ही अपराधी की जन्मकुंडली निकल जाए और वो तीन मामलो में दोषी पाया जाए तो चौथे में उसे बाय डिफॉल्ट आजीवन कारावास मिले...
Water tight provisions have been made in three new laws Viz *The Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita (BNSS), and The Bharatiya Sakshya Adhiniyam (BSA)* towards Anti-National, Terrorism, love Jihaad, etc., effective from 01-07-24 resulted tremors🔥in INDI Alliance 👌👍🙏
१) पहिली अहं बात तो यह है कि देश में समान नागरी कायदा ( आरक्षण कंम्प्लीट बंद ) प्राथमिकतांसे लागू होना चाहिए ! केवल तब ही आप लोकतंत्र में समान न्याय शब्द का प्रयोग कर सकते है | ३) बलात्कार, राष्ट्रद्रोह के मामलों में, पर्याप्त और सटीक जॉंच के बाद आजन्म कारावास नहीं, तुरंत फांसी का प्रावधान होना चाहिए ! पुनः सुनावनी नहीं होनी चाहिए | ३) समाज में कानून का डर केवल कडीं से कडी सजाऐं और ज्यादा से ज्यादा रुपयोंके जुर्माने ( अपराध छोटा भी हो, कम से कम एक-दो लाख रुपये ) से हि केवल पैदा किया जा सकता है! ४) देश कि व्यवस्था सिस्टीम बदलनी चाहिए, देश के लगभग सारें प्रशासन, कानून के रक्षक, पोलीस और न्यायमूर्ती से लेकर वहॉं के कर्मचारियों की उपर से लेकर नीचे तक कि चैन भ्रष्टाचार के मूल सोर्से है, बडी बडी तनख्वाओंके बावजूद भी जब तक भ्रष्टाचारी मानसिकता बदलेगी नहीं तब तक स्थिती वैसी कि वैसी हि रहेगी | ५ ) देश की लगभग सारी प्रशासनोंसें भ्रष्टाचार का निपटारा होना चाहिए! ६ ) नयें कानूनों में , कानून का रक्षण करने वालें कोई भी जिम्मेदार परंतु भ्रष्ट प्रशासकीय कर्मचारी, न्यायमूर्ती, को विशेष कठोर दंड और सजा का प्रावधान चाहिए! ( अपराध जुर्मानें तक है तो कम से कम एक करोड रुपये, और अपराध गेहरा है तो तुरंत फांसी )
सरदाना जी,नये कानूनों के बारे में श्रोताओं दर्शकों को आवश्यक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उन्हें जागरूक करने का आपका यह प्रयास अत्यधिक प्रशंसनीय है और इसके लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद एवं धन्यवाद 👏👌👍🙏🙏
भारतीय न्याय संहिता २०२३ में IPC की धारा ३७७ को शामिल नहीं किया गया है।दो बालिग व्यक्तियों द्वारा स्वेच्छा से परस्पर प्रकृति विरुद्ध मैथुन करना सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अपराध नहीं रह गया है। लेकिन यदि परस्पर सहमति के बिना कोई व्यक्ति ऐसा मैथुन करता है तो किस धारा के अधीन अपराध बनेगा?
किसी दबाव में आकर अगर पुलिस, नागरिकों को फर्जी केस में फंसाती है तो पुलिस के साथ ही उत्प्रेरक (वो नेता हो या कोई अधिकारी या कोई भी अन्य षड्यंत्रकारी ही क्यों न हो ) उसे जवाबदेह बनाया जाना चाहिए, कानून सभी पर समान रूप से लागू होने चाहिए।
काश!!! पता सबको है कि अनेकानेक रूप में आरक्षण की अवधारणा सम्यक है ही नही, वस्तुत: समाज , राष्ट्र के हित विरूद्ध है। लेकिन मित्र इसके निदान हेतु तो सचमुच कोई अवतारी पुरुष ही चाहिए। बहुजन समाज अपने निजी व संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठ के सोच पायेगा, निकट भविष्य में तो लगता नही
आरक्षण समाप्त नहीं होना चाहिए, पर अब उन लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए जो २-३ पीढ़ी से लगातार ले रहे हैं और वंचितों एवं शोषितों के अधिकारों पर कब्जा किए बैठे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस के पास आज भी वही पुराना खटारा जीप है पुरे जिला में एकाध महिला थाने होने से मुश्किलें बढ़ेंगी लगभग तिस ग्राम पंचायत में एक थाना है इन सब बातों को भी ध्यान में रखना होगा
कानून बनाने से क्या कुछ हासिल हो सकेगा ये बहुत ही बड़ा प्रश्न है। कानून तो कितने पहले से ही है लेकिन आज कोलकाता हाईकोर्ट के टिप्पणियां कोई भी नहीं देख रहा दिल्ली में तो अद्भुत नजारा अजब ग़ज़ब हालहै । क्या करें भारतीय जनमानस ढेर सारे कानूनों का जब उसका उपयोग ही उचित समय पर नहीं हो ।
नमस्कार सर। जब ये तीनों क़ानून बने थे, तब भी आपने अपनी एक वीडियो में मिलावटखोरी पर बात की थी। मिलावटखोर अपने कुकृत्यों से अरबों -खरबों कमाई करते हैं। आपने कहा था कि नए क़ानून भी पहले ही की तरह कुछ हज़ार का जुर्माना और कुछ महीनों की सजा का ही प्रावधान करते हैं। तो क्या इन कानूनों को लागू करने से पहले कुछ ज़रूरी सुधार किए गए हैं या जस के तस लागू किए जा रहे हैं?
झूठ बोलना अपराध कि श्रेणी में आना चाहिए और ब्रेन मेपिंग का कानून कडाई से लागू होना चाहिए. झूठ बोलने पर आजीवन कारावास और संपत्ति राजसात करने का कानून बनना चहिए।
सिव्हिल केस के संबंध में क्या ये ऍडजर्नमेंट से संबंधित प्रावधान लागू होगा? क्यों कि मुझे ऐसा अनुभव है कि सत्र न्यायालय के जजोंके बार-बार तबादले होते हैं और केस लंबा खिचता गया है 😔
Old wine in new bottle is BNS NO PERJURY NO PUNISHMENT ON LYING LIE DETECTOR. AS EVIDENCE IS NOT THERE. NO LAW TO STOP CORRUPTION (DEATH SENTENCE) No law on Police corruption
Is there any provision for prosecuting people who file FAKE CASES only with the view of harassing the accused. Example:- Fake molestation case, Fake dowry case, Fake Rape case etc. etc etc.
पुरानी इमारत को रंग रोगन कर के अपने नाम की प्लेट चिपका दी दरवाजे पर अंदर से सब वही खोखला है झूठे केस होते रहेंगे, मासूम फंसते रहेंगे तंत्र जेल का दर दिखाकर पैसे ऐंठता रहेगा,न्याय की उम्मीद में लोगों का दुकान मकान बिकता रहेगा
मुझे तो लगता है कि इन कानूनों से भी कोई सुधार नहीं होगा जब तक हमारे समाज में पुलिस व नागरिकों का चरित्र निर्माण नहीं होता है, जो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आज तक नहीं हो पाया है।