जगत में चर अचर जो भी है सबकी आयु है। इस आयु को निर्धारित करने वाला कौन है यह कोई नहीं बता सका, केवल अपना अपना ज्ञान ध्यान या बोध है हम कुछ दूरी तक सोच कर या पूछकर अनुमान लगाते हैं। इसलिए जब तक संसार में शरीर है स्वस्थ रहो मस्त रहो। शेष उसपर छोड़ दो , क्योंकि आप की एक सीमा है उससे आगे कौन है छोड़ दो।
17:47 yeh jo "mai " hai yeh question puchta hai or yeh mai hai mera janam se aj tak ka experience (name, money, pain, pleasure, anger, happiness, all memories) . Or yeh memorise sirf mera nehi hai Sare logo ka hai. Yeh memoreis khatam to mai bhi khatam
Existence of shoonya (zero)is there only.Oum/Brham/Parmatma is came into existence from shoonya/zero.Phycoligical silence is the true answer of all spiritual questions.
भगवान् श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में स्पष्ट कहा है कि "बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन। तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परन्तप।।" अध्याय 4 श्लोक 5. अर्थात् श्री भगवान् बोले- हे परंतप अर्जुन! मेरे और तेरे बहुत- से जन्म हो चुके हैं। उन सबको तू नहीं जानता, किन्तु मैं जानता हूँ। क्या यह सत्य नहीं है? कृपया पथ प्रदर्शित करें।