मुझे भी पहले सन्देह होता था, क्या महाभारत के श्रीकृष्ण, जिन्होंने गीता का सन्देश दिया था और रासलीला करने वाले राधा और गोपियों के श्रीकृष्ण एक ही नहीं हो सकते। आज मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ, दोनों अलग हैं। यह रासलीला करने वाले झूठे हैं, महाभारत वाले सच्चे हैं।
@@MadhvaDas1 रासलीला गोपियों के साथ वे बचपन में करते थे यह बात विष्णु पुराण, भागवत पुराण और हरिवंश में लिखी हुई है। परन्तु अपनी तथाकथित मामी राधा के साथ रासलीला एवं सम्भोग करते थे ये बकवास ब्रह्मवैवर्त पुराण और गर्ग संहिता में लिखी हुई है। हरिवंश, भागवत पुराण और विष्णु पुराण में राधा का कोई उल्लेख नहीं है।
रासलीला कपोल कल्पित है , भगवान श्री कृष्ण जी महाराज श्री १० वर्ष में ही गोकुल छोड़ दिये थे। अब समझने की जरूरत है ६,७,८, वर्ष में कोई रासलीला करता है? आदरणीय भाई जी आपने देखा होगा कि गांव में जो सच्चा खूबसूरत होता है उससे सारे नर, नारी प्यार करते ही हैं । ऐसे ही आप देखते हैं कि पशु के बच्चों को लोग प्यार करते हैं। भगवान श्री कृष्ण जी महाराज श्री तो भगवान ही थे उनकी क्या पुछना है ........ हृदय से धन्यवाद।
गुरु जी🙏🙏 बिलकुल सही सच्ची बात है !! हिंदूओ अपने सनातन धर्म को समझो पहचानो बहुत जरूरी है !! योगेश्वर भगवान जी🙏🙏को समझो पहचानो अपने मन से मनन करो !! श्री मद्भागवत गीता जी🙏🙏 पढ़ो अपने मन से मनन करो फिर आप को पता चलेगा की योगेश्वर भगवान जी 🙏🙏 के मन की दिशा जब अर्जुन महाभारत युद्ध में थोड़े समय के लिए सनातन धर्म को भूल गया था अर्जुन महाभारत युद्ध में इतना वियाकुल हो गया अर्जुन का धनुष हाथ से गिर जाता है तबहि योगेश्वर भगवान जी🙏🙏 ने अर्जुन को श्री मद्भागवत गीता जी🙏🙏का ज्ञान दिया ऐसी उच कोटि की शिक्षा युद्ध कर जो इतनी उच कोटि की शिक्षा आज तक किसी ने नहीं दी थी !! सोचो सनातन धर्म के मानने वालो. !!
सनातन का ज्ञान महान गूढ़ हैं उसको साधारण बुद्धि वाला व्यक्ति नही समझ सकता है। मूढमति तो सोच भी नहीं सकता। वेदज्ञ और प्रज्ञावान व्यक्ति ही सनातन ज्ञान का स्पर्श कर सकते हैं।
0 शत शत नमन आचार्य जी आपको अद्वितीय उद्बोधन आपका हर व्यक्ति के सुनने लायक और सुनकर उस पर अमल करने लायक बहुत ही मन खुश हो गया सुनकर आप जुग-जुग जिए हम सबको इसी प्रकार चेतन करती रहे
पूज्य आचार्य श्री आप सनातन समाज को प्रकाशित करके समाज का उत्थान कर रहे हैं। आपकों कोटि कोटि नमन । आप स्वस्थ एवं दीर्घायु हों ताकि इस भटके हुए समाज का पथप्रदर्शन करते रहें । जय आर्य जय आर्यावर्त ।।
जय श्रील प्रभुपाद जी 🙏🏻 हरे कृष्ण राधे राधे 🙏🏻 परमपिता परमात्मा पूर्ण परमब्रह्म पुरुषोत्तम परम भगवान श्रीकृष्ण से बढ़कर कुछ भी नहीं है क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ही परम सत्य आदि अनन्त पुरातन सनातन धर्म सभ्यता एवं संस्कृति के भी संस्थापक भी है अतः भगवान श्रीकृष्ण सिवाय कोई दूसरा भगवान भी कोई नहीं है और श्रीमती राधारानी तो भगवान श्रीकृष्ण की परम शक्ति है अतः भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा है और भगवान श्रीराधाकृष्ण को समझने जानने के लिए वैष्णव आचार्य द्वारा लिखित दिव्य ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए | इससे भी अधिक जानने के लिए चैतन्य महाप्रभु के बारे में भी जानना चाहिए और आजकल पूरे विदेशों श्रीराधाकृष्ण की भक्ति का प्रचार प्रसार किया जा रहा है और आज विदेशी हरे कृष्ण महामंत्र का गुणगान कर रहे हैं |
ओउम् आचार्य जी को सादर नमस्ते और बहुत बहुत धन्यवाद राधा मिशन की जानकारी देने के लिए आपने जो वीडियो में बताया वह हमें ज्ञान ना होने के कारण किसी के पूछने पर कि राधा कृष्ण की कौन थी हमें मौन रहना पड़ता था क्योंकि राधा के विषय में बहुत कथाएं होती हैं और राधा को श्रीकृष्ण के के जीवन में एक विशेष चरित्र की तरह दर्शाया जाता है और आर्य समाजी किसी व्यक्ति के द्वारा यह बोलने पर कि राधा नाम का कोई चरित्र श्री कृष्ण के जीवन में नहीं था कोई मानने को तैयार ही नहीं होता । कुछ व्यक्ति बताते हैं कि राधा नाम की श्री कृष्ण जी की मामी भी थी क्या यह सत्य कृपया अचार्य जी बताएं ओउम्
पूरे महाभारत में कर्ण को ही कृष्ण राधे कहकर संबोधित करते हैं बाकी कोई राधा नही। जैसे सीता राम की जगह साई राम, साई शिव हो गए नई आरती नए ग्रंथ लिखे जा रहे हैं, टीवी कामदेव को भस्म करने वाले शिव पार्वती का फिल्मी रोमांस किसी के दिमाग की सड़न हैं। मुगुल काल से पहले राधा का कोई उल्लेख नहीं हैं किसी भी रचना, मूर्ति में।
@@user-dh3is2cj7t अज्ञानी आदमी राधा काल्पनिक नही बास्तबिक है ब्रह्मवेवर्त पुराण पड़ना गर्ग संहिता पड़ना सब पता चल जायेगा राधा कोन है बड़े बड़े देवता जिसकी आराधना करे बो राधा है ब्रह्म वैवर्त पुराण में भगवान शिव पार्वती जी से कहते है पार्वती राधा रानी का चरित्र इतना गोपनीय है इसे हर कोई नही जानता ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार परब्रह्म परमात्मा के दो स्वरूप राधा और कृष्ण है कृष्ण ही राधा है और राधा ही कृष्ण
@@kushaltiwari5634 मूर्ख आदमी। भगवान शिव पार्वती तो सतयुग में हुए थे। और श्री कृष्ण द्वापर में। ऐसे कुतर्को से विश्व गुरु बनाओगे क्या। और राधा इतना ही महत्वपूर्ण पात्र है तो मूल महाभारत में और भागवत पुराण में नाम होना चाहिए ना।
आचार्य जी प्रणाम। जैसे हम सभी आर्य समाजी लोग किसी भी चीज को मानने के पहले प्रमाण मांगते हैं। आपने जो राधा के विषय में तर्क दिया उसका आधार क्या है? श्री कृष्ण के जीवन के बारे में आज तक जो भी बातें आर्य समाज के मंच से प्रचारित प्रसारित की गईं हैं वो सभी महाभारत या गीता से ली गईं हैं। क्या इस बात का कहीं उल्लेख महाभारत या गीता मे मिलता है कि राधा, श्री कृष्ण जी के किसी mission का नाम था? मेरे विचार से यदि ऐसा कुछ भी होता तो महर्षि दयानंद जी इसका उल्लेख कहीं न कहीं अवश्य करते। हम आर्यसमाजी लोग भी यदि किसी बात पर एक मत नहीं होंगे तो आर्य समाज के मंच से जो भी बातें निकलेंगी उनमें विरोधाभास रहेगा। यदि आपने जो बात कही है वो आपके मन की बात न होकर कहीं पढ़कर कही है तो कृप्या उसे प्रमाण के साथ प्रस्तुत करें। धन्यवाद
किसी भी ग्रन्थ में श्रीकृष्ण जी का राधा से संबंध का बर्णन है ही नहीं।ये काल्पनिक दन्त कथा है।राधा के बारे में आप जो बता रहे हैं ये सुधार की हुयी बातें हैं।लेकिन ये भी काल्पनिक ही हैं।श्रीकृष्ण जी के मिशन को राधा नाम ही क्यों दिया जाये?
दयानंद जी का आर्य समाज पार ब्रह्म सच्चिदानंद के रहस्य को समझने में असमर्थ है इसलिए आर्य समाज आज हिंदू समाज की दृष्टि में नास्तिकता का प्रतीक है इसमें शंका करने की बिल्कुल भी गुंजाइश नहीं है महर्षि दयानंद जी ने अपनी किताब सत्यार्थ प्रकाश में रामायण महाभारत ब्रज रास लीला और पुराणों को काल्पनिक कहां है इसलिए हिंदू समाज पूर्ण रूप से आर्य समाज को नहीं मानता
गुरु जी हम तो मान्ते हैं पर जो हिन्दू धर्म मे जो हमारे बड़े bhagwata charya है जो बहुत ज्ञानी है जैसे raghwacharya jino वेदांत upnisadh सब दर्सन pad rakhen hai par ओ भाग्वत् भी करतें है पर भी इस बात को नहीं मानते । पर हम क्या कर सकते है।
@@champabenthakkar-pm9ut That's absolutely flake of Vrindavan, because in original book of Mahabharata their is no existence of Radha and Lord Krishna had only one wife Rukmani
आचार्य जी आपने मिशन का नाम राधा रख दिया यह बात समझ में आती है लेकिन एक औरत बनाकर मिशन को साथ लिए घूमे यह बात समझ में नहीं आती। यही तो आज वर्तमान में देखने को मिल रहा है कि शिष्टाचार का लिवास ओढ़ कर अनाचार कर रहे हैँ।यह केवल आपका पांडित्य कहलायेगा और कुछ नहीं।मिशन को राधा बता कर दुराचारियों को समाज में गलत काम करने का प्रशय मिलेगा।
Dr. Apka. Apna. Nijee. Vichar. He, koi. Shodh NHEE. He, AP. Viveka. Nand. Jee ko hi jan le bahut , or. 19 Shatabdi. Kon tha. Ariya samaj ki soch. Ko promotion karne wala or uske peechhe ki kahanee Kiya thee itna bahut. He viveka nand. Videsho se hi chale or phichan prasidhi dilane wale bhi Gore hi the, shee mayne. Me. Bachpan ki paribhasha shiri Govind Gopal ki he ,sab ki ak jesee hoti he ,samay or pristhiti ke Anushar ab. Ate he gopiya or nach dono ak yog sadhna he. Jese Rajnish dig bhi jata he or koi safal ho jata he Radha shiv rup he unka yog bol sakte he , kisee dusre ke desha ki satta ko kabjiyana he to uske hi tarike ko upyog Lana fir usme kamee nikalna goree chamdee ka ye tarika tha uske bad apne ko shee savit karna
Narkasur ne mahilawo ka apharan kar apna daas bana liya tha. Bhagwan shree krishn ne Narkasur ka vadh kar sabhi ko mukt karaaya. Jab unko unhone ghar jane ko kaha to un sabhi ne kaha ki hamlog samaj ki najar me kalankini hain, samaj hame sweekar nahin karega, bhale hamari galti ho na ho. Tab bhagwan shree krishn ne kaha ki tum sabhi ko main apni patrani banaata hu, fir dekhta hu samaj kaise tumhe sweekar nahi karega . Shree krishn ne sabko Rani ka samman diya aur wo samaj ki muldharaa me laut gayin. Ajjevan shree krishn ne brahmchary ka palan kiya. Log galat wyakhya kar hamare shree krishn ke baare me galat bolte hain.
@@srdmsra1 bhai aapki aadhi baat sach hai.. Lekin patni nahi banaya tha.. Sirf apne rajya me sharan di thi.. Aur unki ek hi patni thi rukmini mata aur ek hi putra tha praduman jo 12 sal ke tap se hua tha.. Unki 8 rani ya 80 putra bhi nahi the.. Aesa kevl me nahi keh rahi ye sab mahabharat me hi likha hai... Jai shri rukminikrishn ❤❤❤❤