सस्पेंड इसलिए किया जाता है कि आरोपी कर्मचारी सबूतों, दस्तावेजों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित ना कर सके. निलंबन के दौरान उसे sustenance भत्ता मिलता है. जांच के बाद अगर दोषी पाया जाए तो उसके दोष की gravity के अनुसार सजा दी जाती है. गंभीरतम दोष होने पर बर्खास्त या terminate किया जाता है और पुलिस कारवाई भी की जा सकती है.
ये रोडवेज के बाबू लोगों से पूछो, वे ज्यादा जानकार होते हैं, क्योंकि अफसर पहले बाबू से पूछेगा क्या करना है, बाबू फिर नेता को बुलायेगा और मंथन होगा और फिर रख दिया जायेगा, ट्रांसफर किया जाता हैं हाँ जिस कर्मचारी से रोडवेज के माननीय नेताजी नाराज होते हैं उसकी नौकरी भी जा सकती है।
श्री मान् वी.आर. एस. के संबंध में भी विस्तृत जानकारी देने की कृपा करें. जैसे उसे पेंशन - ग्रेच्युटी आदि यानी पेंशनर को मिलने वाली सुविधायें मिलती हैं या नहीं. प्रकाश डाला जाय.
सर, कृपया मुझे यह जानकारी देने की कृपा करेंगे तो आपका बड़ा आभारी रहूंगा। एसडीएम और भू अर्जन एवं पुनर्वास अधिकारी नर्मदा घाटी विकास दोनो पद पर बैठे आईएएस व्यक्ति को अतिक्रमण के मामले मे कब जिम्मेदार मानकर सस्पेंड किया जा सकता है।
निलम्बन के दौरान क्या शिकायतकर्ता को भी ईन्कवारी में शामिल किया जाता है ? क्या आजतक किसी शिकायतकर्ता ने या किसी अन्य सामाजिक कार्यकर्ता ने निलम्बन की ईन्कवारी की रिपोर्ट पुलिस महकमें से मांगी है ? कृपया बताईए
वर्खास्त के बाद शासन को वोट देने काअधिकार , उसकी नागरिकता , आदि तीन लेना चाहिए। लेकिन उच्च अधिकारियों ने यदि गलत तरीके से वर्खास्त भी किया है तो उसे पुॠस्कृत करना चाहिए।,,,,, वाह रे भारत देश के कानून ्््््