@Amit Yadav आपकी बातो से लग रहा है की आप कुछ सीमित दायरे की सोच से पीड़ित है इसका प्रमाण भी आपने दे दिया की Satyarth प्रकाश को एजुकेशनल books पे तरजीह दे रहे है। Satyarth प्रकाश की बुक सिर्फ मान्यतावादी किताब है जिसके Refrence भी मान्यता पे आधारित है। जब आपका refrence ही मान्यता है तो फिर प्रमाण और सर्वभौमिक सत्य से तो ऐसे ही दूर हो गए। दूसरी बात की भारत ही नही बल्कि सभी देशों मे दआरविन् विकासवाद Theory पढ़ाई जाती है। अापको अपना दायरा मान्यतावादी से ऊपर उठ कर Evidence की तरफ मोड़ना होगा। आपके सोचने का लेवल भी काफि अल्प ज्ञान पे आधारित है। जैसे की आपकी ये बात की 10000years से पुरानी Scalton का मिलना ये साबीत करता है की दआरविन् Sidhant गलत है। यह बहुत ही हास्य प्रद बात है की आपको दआरविन् Theory के बारे मे ठीक से क्या बल्कि थोड़ी भी जानकारी नही है। तीसरी बात की Einstein ने इलेक्ट्रॉन Protron Newtron की खोज नही की है। चौथी बात की आपके वेद मे कुछ भी ये नही दिया हुआ है, जिसे आप विज्ञान समझ बैठे है, सिवाय आपकी खोखली बातो के। आप जाकर विज्ञान की बेसिक एजुकेशन लीजिय। अापको तनिक भी ज्ञान नही ही विज्ञान के स्कूल एजुकेशन लेवल का भी। पाचवी बात की आप पूरी तरह से धर्म के नशे मे है जिसे गलत और सही का फर्क समझने की संवेदना खत्म हो चुकी है। सायद यही आपकी अज्ञआनता का कारण है। जो व्यक्ति को बिना प्रमाण के ईस्वर परमेश्वर की कल्पना मे सरोबर है वो भला प्रमाण क्या होता है क्या समझ पाएगा। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
धर्म का शाब्दिक अर्थ आज के समय में बदल चुका है क्यूं की आज अनेक तथाकथित धर्म उपस्थित हैं। इसलिए विज्ञान को धर्म से अलग मां बैठे हैं। धर्म ज्ञान और विज्ञान सम्मत कर्म को ही कहा जाता है। दयानंद सरस्वती जी के पहले भी वैदिक सभ्यता को मानने वाले और भी महापुरुष जन्म हुए हैं।
@@samayaranjanpatel4945 विज्ञान धर्म से सर्वदा अलग ही था अब धर्म का काम विज्ञान के बिना वैशाखी पे है इसलिए विज्ञान के अस्तित्व मे आने के बाद अब धर्म को भी विज्ञान स्वीकार करना पड़ रहा है। अन्यथा सभी धर्म ने सिवाय अपने ईस्वर अल्लाह गॉड को खुश करने तथा उससे कृपा पे आश्रित रहने और मानव समुदाय को भी यही पथ दिखाता आया है। आन्यथा अगर धर्म मे विज्ञान होता तो ये आज सिवाय इतिहास का रोना रोने और वेस्ट के साइंस को इसतेमाल न कर रहे होते।
Magar pathar me dharm nahi is baat pe to ik dharam asafal raha....aur isi theory ko manane wale log Kasab, Usama, Lashkar-e-Taiba, atankwadi nahane kya bane........
महोदय मैं आप का काम बहुत बेहतरीन और भारत के विकास के हित में है। भारत को संविधान में साहब भीमराव अम्बेडकर इस लिए ही धर्मनिरपेक्ष ताकि धर्म के ठेकेदार से इस देश को बचाया जा सके
@Hrithik Arya I read rigved in English it is Fucking Indra Varun etc and say priest is Agni O Agni fuck this fuck that nothing about Almighty God even some one believe it has nothing to with science it has written by some fucking bunch of idiots still people are following without Reading it horrible bhrhamin are making fool and fuckers are not questioning.
सर आप पढ़िए, और वेरिफिकेशन करते रहें.. कि ताकि हम जागरूक होते रहें.. और सही दिशा में आगे बढ़कर खुद और देशवासियों को आगे ले जाने में तेजी से काम कर सकें...... सत्यमेव जयते
@@singhcreations8851 bhramit to tum karte ho pakhandio saalo ye bed bhi to tumhare gadhe pakhandio ne hi likhe hai or inke tum chut Gaye euresia pandit
ooh , kitne hosiyar aadmi h sansar me tumne bohot sare bate ke , me un sab bato ka khandan karne ka samartya rakhta hu , arya koi jati nahi h , ki jo arya jati ka h vo acha h baki sab chor h , nahi bhai agar thodi hindi grammer padh le hote to samaj jate , arya ka artha h , " best " jo manusya sabhya h vo he samaj me rahne yogya h , yahi likha h sathyarath prakash me , or vo be sab scientific h .
बहुत बढ़िया सर जी, सभी धर्म के पीछे तो जा ही रहे है पर दूसरे का विरोध नहीं करना चाहिए, वो भी इस वीडियो से मालूम पड़ता है, वैज्ञानिक सोच ही देश के लिए फायदेकारक साबित हो सकता है... 🇮🇳🌏🙏
There is no end of these type of videos ,78 are already being watched . You are one of the very understood person ,we have get out from the very early theories of 1978 .
@@bikramjeetbadal2175 गाय इनकी माँ है और बैल ईनका बाप है। ये हिन्दु आतंकवाद है। हिन्दुस्तान नहि अपितू "रैपिस्तान" बोलो ईन गद्दारो की बजह सै आज हमारा देश अपवित्र और महिला वर्ग के लिए टोटल ही अनसॅफ हो गया है। और 97% केस मै "हिन्दू" आरोपी पाये जाते है क्योंकि इनकी मानसिकता महिलाको लैकर "वैशी" और "घोर विरोधी" रही है यै वो लोग है जिनके चलते कुछ हजार साल पहले "द्रौपदी" का "गैंगरेप" हूआ और "सिता" को "राम" नै रावण के साथ भाग के शादी करनै कै "जुर्म" मैं "अग्निस्नान" ।। यै लोग अपनी बेटीओ को भी नही बक्षतै उनको भी यह वैशी हत्यारे लोग "गैरकानूनी" ढंग से "कन्याभ्रूणहत्या" या फिर "बेटीको जन्म देने के बाद वह उसको कही भी फैक आते है या फिर बडा बर्तन के अंदर ढेरसारा दूध मिलाकर उसमे डुबोकर मार डालते है" अभी तक इस भेड़ियो नै कइ जगह "दैवदासी मतलब सोर्ट मैं बोले तो गरीब आदिवासी खूबसूरत महज 16 बरस की लड़कियाँ जिनको यह लोग वैश्या व्यवसाय आधिकारिक तौर पर पूरे अपने धार्मिक अनुष्ठान और मंदिर परिसर मैं आधिकारिक रूप से कई सदियो सै पूरे देश मै गर्व से हिन्दू धर्म के नाम पर करते चले आए है।। ओर "दलित" ओर "आदिवासी" समाज के ऊपर के इनके जुल्म तो समूचे विश्व मैं लाल श्याही सै बतौर गवाह चिंखतै चिल्लातै है यह "भेड़ियो के तथाकथित बलात्कारी धर्म सोरी अधर्म मै" फिर भी ईन जैसो को अभी तक हमनै आपनै ही जिंदा रखा हूआ है अभी भी कई लज्जा बची हो तो इनको देखो तभी चमड़ी उझ़ेड दो और फौरन इसकी जानकारी पुलिस को दे। मै बोलता हूं "हिंदू आतंकवाद" जो सदीयौ के साथ चला आ रहा है अब नही रहना चाहिए क्योंकि यह अब तेजीसे बढ़ रहा है। ऊढो और इन घरेलू आतंकवाद से पहले लड़ो जय भारत । जय संविधान ।।
आर्य भारत मे पंद्रहवी बीसी मे आये थे ....जो कलयुग का समय था.....जबकि महाभारत और रामायन उसके पहले का समय था......इसलिये भारत की जो भी सभ्यता है ओ भारत के मूलनिवासियो की है .........
विक्रमादित्य से पहले के राजाओं का उल्लेख, तो नहीं ही हुआ है, ये बात तो सही कही है सर ने । पर उल्लेख क्यों नहीं हुआ है, इसका स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है .
यह वंशावली केवल इंद्रप्रस्थ दिल्ली की है अन्य नगर राजाओं की नहीं है महर्षि दयानंद कोई पक्षपात नहीं करते है उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश में सत प्रतिशत बात सत्य कही है प्रशांत मुनि
भाई सबसे पहली बात कि मैं एक आर्य समाज ही नहीं हूं और ना अभी तक उसके साथ जुड़ा हूं पर भाई आपने जो जो इसमें तर्क दिया है वह सरासर गलत है कृपया करके किसी को गलत जानकारी ना दें आर्य समाज के हिसाब से भी रामायण आज से 9.5 लाख साल पहले हुई थी ना कि ढाई हजार भाई मुझे ऐसा लगता है कि आपने सत्यार्थ प्रकाश को गलत साबित करने के लिए ही उसको पड़ा है और मुझे नहीं लगता कि आपने उसे सही मन से और सही सही पड़ा है अगर आप पढ़े होते तो आपको समझ में आता क्योंकि उसका अंग्रेजी में भी मतलब यही है a light of truth भाई पहले थोड़ी सही जानकारी लेकर आओ फिर यहां लोगों को भ्रमित करो ओउम्
👌👌👌👌👌👌 बहोत लाजवाब एवं तर्कशिलता से आपने दयानंद कि बकलोल बकैती को उधेडा है । आर्य समाजी के पास अपनी कोई किताब नही है इसलिए वह दयानंद के सत्यारथ प्रकाश का ही बोझ ढों रहे है...बेहतरीन एवं ज्ञान संपूर्ण विडीयो बनाने के लिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद 🌷🌷🌷🌷🌷
@Ravindra Sihag *मतलब वेदव्यस वाला महाभारत झूठा है 🤣🤣🤣🤣 और 5000 साल पहले सिंधु सभ्यता की जगह महाभारत हुआ था। और जुये मे पंडो ने अपनी बीबी नही हारी थी। और जब पाच गाँव भी न मिले तो परमाणु बम, मिसाएल जेट लेकर लड़ाइ करने पहुच गए। और अर्जुन के जेट का सारथी कृष्ण था, 🤣🤣🤣🤣 और परमाणु बम इस्तेमाल होने के बाद भी युध्द 18 दिन चल गया??? 🤣🤣🤣 और कुरुछेत्र के छोटे मैदान मे रेडिएशन का कोई असर नही हुआ । खास बात यह की ब्राह्मशत्र इतना पावर फूल था की आमने सामने सैनिक थे लेकिन मरते एक ही थे🤣🤣🤣 जबकि परमाणु एक छोता सा परमाणु बम से नगसकी और हीरोसीमा खत्म हो गए थे।🤣 भाई गजब गप्पे बाज होते है धार्मिक 🤣🤣🤣🤣पंडो जिंदा भी बच गए, और ब्राह्मण भी वेद भी बच गया बस टेक्नो लोजी के समान और सूत्र भी मैदान मे खतम हो गई?🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣* 🤣🤣🤣
@@metadataengineering3699 *नये नये नकली बोद्ध बने इन भीमवादियों की दोग्लापंती देखिये, ये इतने confuse है कि इन्हे खुद नहीं पता की ये किनकी तरफ है ??* *1-एक तरफ ये भगवा को गाली देते है दुसरी तरफ बोद्ध भी भगवाधारी ही होते है* *2-एक तरफ ये अपने आप को बोद्ध कहते है और दुसरी तरफ जाति प्रमाण पत्र बनवाते हैं* *3- एक तरफ हिन्दुस्तान के सविंधान में भगवान राम,कृष्ण और हनुमान जी की फोटो है और दुसरी तरफ ये इन सब को काल्पनिक बताते है* *4-एक तरफ ये ब्राह्मण को गाली देते है दुसरी तरफ ब्राहमणों के सरनेम अंबेडकर को अपना मानते हैं, एक ब्राह्मण ने ही अपना सरनेम देकर भीमराव शकपाल को भीमराव अंबेडकर बनाया था* *5- एक तरफ ये मनुस्मृति को गाली देते है दुसरी तरफ बोद्ध धर्म के पंचशील नियमों का पालन करने को कहते हैं जो मनुस्मृति से ही लिये गये हैं* *6-एक तरफ राजपूतों को ये गाली देते है दुसरी तरफ क्षत्रिय गौतम बुद्ध को अपना भगवान कहते हैं* *7- एक तरफ भगवान राम को गाली देते है दुसरी तरफ थाईलैंड एक बोद्ध राष्ट्र है,उसका राष्ट्रिय ग्रंथ रामायण है और थाईलैंड के राजा को राम की उपाधि दी जाती है* *8-एक तरफ ये भगवान विष्णु को गाली देते है दुसरी तरफ बौद्ध देश कम्बोडिया में ओंकारवाट भगवान विष्णु का दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है* *9-एक तरफ संत रविदास को ये पूजते हैं और दुसरी तरफ संत रविदास जिस भगवान राम और कृष्ण के अनन्य भक्त थे उस राम और कृष्ण को ये गाली देते है* *10- एक तरफ तो अम्बेडकर की लिखी हुई किताब "भारत और पाकिस्तान का विभाजन" के अनुसार अम्बेडकर सभी मुसलमानो को पाकिस्तान भेजना चाहते थे, दुसरी तरफ ये जय भीम और जय मीम का गठबंधन बनाते हैं* *अब आप ही बताये की ये लोग आखिर किसकी तरफ है !!*
Aap bahut hi acha karya kar rahe hai. Agar british writer bharat me khud ki likhi hui kitaab nahi padate to yanha ke logon ki buddhi ka vikas nahi ho pata.balgangadhar tilak ki sonch Swami dayanand ji se thoda vigyaakik sonch rakhte hai. Unki ya Maxmuller ki history ke kitaab ko padiye. To NCERT book se kuch jarur milta hai. Discovery of india me bhi kalpana ko jagah nahi diya gaya hai.
गजब गजब गजब बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपको बहुत-बहुत साधुवाद इसी तरह की जानकारी आप देते रहें और अपने देश के मूल निवासियों की आंखें खोलते नहीं पता कि यह सभी एकजुट होकर कि अपने देश को बचा सकें
मैं भी सत्यार्थ प्रकाश पढ़ रहा था ,पर बीच में ही पढ़ाई छोड़ना पड़ा, क्योंकि जितना पढ़ रहा था उतना ही उलझते जा रहा था,,,,दिमाग का दही होते जा रहा था,,,इसलिए पूरा पढ़ नही पाया था,,, आप सही जा रहे हो,,,धन्यवाद् भाई जी
समराट अशोक भी तो भारत वर्ष में थे ओम बुध भी बाद में इनहोने सनातन का पतन किया और विकरमादितय ने सनातन को जगाया फिर बुद्ध भारत से चला गया अब फिर कोशिश में है मगर ब्रेन वाशर बन के जो उचित नहीं है🙏💕
विक्रमादित्य एक मिथक है जैसे राम और कृष्ण। एक काल्पनिक चरित्र जैसे राजा हरिश्चंद्र। कन्हैयालाल जी आपका ब्रेनवाश कौन कर रहा है और आप अपना ब्रेनवाश करने क्यों दे रहे हैं। बुद्ध कहीं गये नहीं है बल्कि बुद्ध को दबा दिया गया। इसलिए कहीं भी खुदाई होती है वहां बुद्ध ही निकलते हैं, महान सम्राट अशोक निकालते और कहीं से भी राम कृष्ण शिव नहीं निकलता है।
I think that you have to understand Satyarath Prakash in historical context - he has clarified his intent in first chapter and summarized his thoughts in last chapter. It will be wrong to take it as a history book. His main intent was to restore of self esteem of indigenous people and take people away from superstitions and rituals. If you go through the ten principles of Arya Samaj then it has been clearly written that science is superior to everything - he says that people should believe what is known through physical sciences- he further adds that one should be ready to accept truth and reject falsehood. I agree that he believed in Vedas because he found that knowledge in Vedas to be logical. Yes he believed in God but his main goal was very simple- people should unite under common spiritual goals of love, truth, compassion and justice. God was an abstraction for him who presented these basic human values. His concept of God was not what you are interpreting. He has clearly written in introduction chapter that he could be wrong regarding few things. It was truth based in his understanding- I like him but that does not mean that I have to 100% believe everything written in Satyarath Prakash- he says find your own truth- it was summary of what he found- he asks us to differ from him.
@@maan19496 dekhiye sir ap aray samaj ke dekedar to nii hai na jo aisi aisi baate kar rhe hai Sir name se kuch nhi hota manwata honi chahiye Or manwta nam ki koi v chij darm me nhii hoti hai Apni soch badliye na ki dusro ke sir name ke bare me mat sochiye
वंशावली गलत कैसे हो गई यार, अब अशोक आदि राजा उस वंश के नही रहे होंगे तो जबरदस्ती थोड़े न जोड़ेंगे। एक ही वंश का लिस्ट दिया हो उन्होंने। आपसे पूरी तरह सहमत नही।
@Braj kishore Balendu आपके मुखारविंद से निकले कटु और मन को न भाने वाले गाली गलौज से सुसज्जित शब्द ये बताते हे की आप भी कीसी अच्छे खानदान से रिश्ता रखते हैं अरे सत्य को जानने के लिए किसी को धूर्त कहना जरुरी नही हे बल्कि सत्य को कसौटी पर खरा उतारा जाता है आपकी बोलने की शैली मुझे अच्छी नहीं लगी
🔥आप के सबूतों ने , इतिहास ने, लिपि व संस्कृत की शुरुआत , खुदाई के सबूतों ने सारी पोल पट्टी खोल दी 🌹आप की अपार मेहनत के लिए आप का व आप की टीम का सादर आभार 🌹 लम्बे समय से चला झूठ कैसे सत्य प्रतीत होता है प्रत्यक्ष रूप से धार्मिक किताबों के चलन से ज्ञात होता है
Sir u you r doing great job,आपने सभी धर्मों को झूठ बात दिया औऱ उसके प्रमाण भी दिया पर क्या आपको भगवान होने पर विश्वास है या नहीं? आखिर ये सृष्ठि का निर्माण natural या अकश्मिक?इस दुनिया मे होने वाली हर घटना महज एक सयोग है?क्या इस दुनिया मे चेतना(जीवन) की कोई परिभाषा है या नही? इस दुनिया मे भूत प्रेत जैसे कुछ है?क्या वेदों और धर्म की किताबों में केवल गलत ही लिखा है? इन किताबों में संस्कार व आचरण , मानवता की बाते या सब गपोड़ी बातें है? कृपया आप हमें इन तर्को का जवब प्रदान करे ।
NALANDA According to the records Nalanda University was destroyed three times by Birhamins with the help of invaders, but rebuilt only twice. All three time Birhamin were the main common cause of fire, because they didn’t like the education which was written in Pali on many sheelas. The first destruction was caused by riot between the Huns under Mihirakula and Birhamins during the reign of Skandagupta (455-467 AD). Irony is that the Birhamin were taking care of security of ruler’s building because they were government employees and the library was burnt by them blaming public for distruction . Many budhist people were murdered during the riot. But Skanda’s successors restored the library and improved it with an even bigger building. The second destruction came in the early 7th century by the Gaudas helped by Birhamins. Here also the Birhamins were protecting the government building Goudas were agitated due to the agriculture tax collection. Birhamins took advantage of situationa and burnt library 2nd time. This time, the Buddhist king Harshavardhana (606-648 AD) restored the university. Finally, third and most destructive attack came when Birhamin were in power the ancient Nalanda University was destroyed by the Muslim army guided by Brahmin and led by the Turkish leader Bakhtiyar Khilji in 1193. After initiating fire the army moved on and Brahmins kept the fire going on for six months to burn all the selected literature which was against their teaching of Puranas. But most of the lirature was in Pali which Birhamin did not understand so they were very angry with such education
तुम्हारे पास क्या सबूत है कि इसने सच बोला है मैंने तो किसी किताब में पढ़ा नहीं है कि शेर वगैरह जो भी है अब वह वह क्या वगैरह वगैरह जो भी है अब 100 की एक बात जितने भी जानकारी दी है नहीं दिखाई नहीं पड़ी भाई अब धर्म ग्रंथों में अच्छी बात भी लिखी होगी ना उसको भी बुरा बता देगा यह तो क्योंकि
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌 Bhaut badiya yaar ek baat pur or video Bano jisme aap batay ki Jo GANESH GOD he sb log itna poojte he unki story me Jub unke father unka sar kaat dete he phir uske Baad HAATHI ka sr Laga ke Jinda kr dete he to isme sbse badi baat to ye sochne baali he ki jub haati ka sir lagaya to brain bhi HAATHI ka hoga or blood bhi to Ganesh Jinda hone ke Baad sbko kese phecaan paay kyuki unme to HAATHI ka brain tha or HAATHI or Insaan ke brain me kitna farq he or to or jub HAATHI ka sr lagaya hoga to blood me bhi to difference he kyuki yadi kisi Insaan me yadi kisi jaanver ka blood daal diya jaay to bhaut khatrnaak AIDS type ki bimaari ho skti he or phir Ganesh kese Jinda ho gy. ISSE EK baat smag aati he ye cheese poori tarha kaalpnik he bus ek bakwaas kahani se bdkr kuch nahi ISSE ye bhi pata chalta he ki jub ye LIKHI gi thi us time logo Ko bilkul bhi knowledge nahi tha ki body ki saare actions pur brain ka control hota he uske Bina sarrier kuch bhi nahi.
अंधविश्वास, पाखंड, जातिवाद, भेदभाव, छुआछूत ,ऊंच-नीच के खिलाफ जंग जारी रहेगी।जयधर्मनिरपेक्ष जय नास्तिक जय विज्ञान जयभीम नमो बुद्धाय जय अशोक सम्राट जय पेरियार स्वामी। जय भारत जय संविधान जय लोकतंत्र जय न्यायालय 🙏
Video me bahut hi achha vishay liya gaya hai usse bhi achha samjhya gaya hai isse bekti ko bahut kuchh sikhne ko milega Jay science journey Jay bharat 🙏
Jab bharat par Alexander Ka akraman hua tha us samay 16 janpad ka ullekh aata hai. Inhi janpado Ka ullekh Mahabharat kaal me bhi aata hai. Ye Kaise sambhav hai ki 2500 saal baad bhi sabhi janpad bina Kuch badlav ke vaise hi rahenge. Aur history me magadh samrat Bimbisar ke pahle ka Itihas detail me nahi hai, ki kaun si dynasty vaha par raj karti thi, aur uska period kya tha.
Thanks sir रूह खुश हो गई । आपके इस विडियो ने मन की सभी भ्रमों को पल भर में दूर कर दिया। आज वहुत जरूरत है अंधमय समाज को जगाने की । जोत से जोत जलाते चलो ।
Ajeet sir apka bahot aabhar hai ek video banao budhha dherma per banao please char Arya Satya per Arya aastagik Marg per budhha ne kya shikhaya arhant pad kya hai nirvaan kya hai kitni milavat hui hai original budhha Vani me please
अशोक महान ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया budhh hone ke karan in logo ka name nahi hai
Murti puja achhi hai ya buri ye kehne ka koi aadhar nahi hai. Ye baate asatya ho sakti hain lekin inka vastvik sambandh satyata ya asatyata se hai bhi nahi. Inka sambandh mansik avastha se hai . Duniya ke sabhi hisson me koi na koi dharm kyu panpa, kyunki insan mansik aur bhavanatmak taur par na toh tab aur na hi ab itna saksham hai ki sirf satya ko khoje aur uss par hi tika rahe.
There was Never Ever God , Iswar , Allah ; other than the Unexpoundable , the Way , the Nature , the Cosmic Law , the Wheel of Dhamma , the Wheel of Conditionality , the Reality , the Wheel of Truth , the Supermundane ...
Dear Friend, I agree with you but you need to understand the intent of the author. Truth is God- Love is God- compassion is God - Justice is God. God in Arya Samaj tradition is an abstraction of virtues. If you believe in these basic human values then you are not an atheist 😊 There are many bigot AryaSamajists who also interpret Satyarath Prakash the way you described. I only read last chapter and ten principles of Arya Samaj. You should get in touch with Swami Agnivesh ji who is probably the only person with good understanding of Arya Samaj.
Sir, aap kaarya to sahi kar rahey hain, ki jhoothh aur paakhand har dharma se ujaagar kar rahey hain, par mein aapsey ye kehna chaahoonga ki aaj kal hum jab kisi ka vishleshan kartey hain to ek agenda jaroor aa jaata hai. Satyarth prakash mein kai visangatiyaan ho sakti hain par aapki vyakhkhyaaaon mein kuchh truti honey ki sambhaavanaayein hain, un Mein se ek par mera dhyaan gayaa, jis kaaran lag raha hai ki aap bhi us agenda se bach nahi paayey hain aur us agenda(har baat ko galat bataa dena) ke tahat bina sahi se samjhey uska bhaavarth bataa de rahey hain.
There is Mundeshwari temple in Bihar , ASI claimed it is from 108CE if according to you 2500 years ago cities developed and everything before that is imaginary please explain how the temple was built. And if people learned to grow crops and be a little civilised only 7000 years ago how debris recovered from the site of submerged Dwarka, including construction material, pottery, sections of walls, beads, sculpture and human bones and teeth, put it at nearly 9,500 years old.
Bekar video... Bharat ka itihas.. barat ke nazariye se nahi.. Communisto ne.. likha Hai .. west ke nazariye se... jissme.. ek agenda ke teht Galt itihas bhar rakha Hai... Or tum ussi compare kar rahe ho...
*मतलब वेदव्यस वाला महाभारत झूठा है 🤣🤣🤣🤣 और 5000 साल पहले सिंधु सभ्यता की जगह महाभारत हुआ था। और जुये मे पंडो ने अपनी बीबी नही हारी थी। और जब पाच गाँव भी न मिले तो परमाणु बम, मिसाएल जेट लेकर लड़ाइ करने पहुच गए। और अर्जुन के जेट का सारथी कृष्ण था, 🤣🤣🤣🤣 और परमाणु बम इस्तेमाल होने के बाद भी युध्द 18 दिन चल गया??? 🤣🤣🤣 और कुरुछेत्र के छोटे मैदान मे रेडिएशन का कोई असर नही हुआ । खास बात यह की ब्राह्मशत्र इतना पावर फूल था की आमने सामने सैनिक थे लेकिन मरते एक ही थे🤣🤣🤣 जबकि परमाणु एक छोता सा परमाणु बम से नगसकी और हीरोसीमा खत्म हो गए थे।🤣 भाई गजब गप्पे बाज होते है धार्मिक 🤣🤣🤣🤣पंडो जिंदा भी बच गए, और ब्राह्मण भी वेद भी बच गया बस टेक्नो लोजी के समान और सूत्र भी मैदान मे खतम हो गई?🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣* 🤣🤣🤣
Very nice 👍 Cities started to develop before 4700 yrs at the banks of rivers and sea coast Cities developed before 2500 yrs Sindhu ghati civilization was before 3600 yrs We can explain it from 4700 yrs, not from 2500 yrs
Best method of explaining historical facts. Reasonable and logical . ....the thought tree upskilling...for share market learners and digital market learners at GOPALPURA BYPASS JAIPUR RAJASTHAN INDIA DIRECTOR SHRAWAN YADAV.