Alhamdulliah! If there are ghazals on Raag Kedar, the only one that comes to my mind are this and Mehdi Hasan sahib's 'Bhooli Bisri Chand Ummedien'. The words of this Ghazal are Shakeel Badayuni's.
बेगम की गायकी का एक अलग पहलू है, उसमे राग,मुर्कियो,रचनात्मकता,का बेजोड़ संगम है,तथा बड़े साधारण वाद्यों जैसे हारमोनियम,तबला,कभी कभी सारंगी,तथा उनका ग़ज़ल गायकी के लिए शायरी का चयन बेजोड़ है।पिछले 45 सालों के मेरे अनुभव में कोई उनके समकक्ष नही ठहरता।रिकॉर्डिंग पुराने समय मे अपनी गुणवत्ता रखती थी।खैर उनके लाजबाब कलाम सुनने को ही मिल रहे है ये भी सौभाग्य ही है।