🙄संतरामपालजी महाराज जगतगुरू है 🌍जो हमेशा लौगो का कल्याण हि करते आये है गुरूजी का मुल उदेश्य यह है कि इस काले के लोक मे फसी सभी आत्माओ का मोक्ष करवाये।।
jago re parmatma ko chahne walo jag ka taranhar dharti par avtar ho chuke pahchan lo अधिक जानकारी के लिये अवश्य देखे साधना टीवी पर 7:40pm to 8,40pm तक संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन
🙏🙏☝☝संत रामपालजी माराज कि चरण मे आने जियने सूख मिले है उतने सख तो आज भारत कि सरकार भी नही दे सकती है । सरकार कुछ पेसे देकर सहायता कर सकती है ,लेकिन जीवन दान ,व आयू नही बढा सकती है ...जानै
चल हंसा सतलोक हमारे छोड़ो यह संसारा हो इस संसार का काल है राजा माया जाल पसारा हो कबीरा तेरी झोपडी, गल कटीयन के पास । जैसी करनी वैसे भरनी, तू क्यों भया उदास ॥
दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार, तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि न लागे डार। अर्थ : जो हमारी निंदा करता है, उसे अपने अधिकाधिक पास ही रखना चाहिए। वह तो बिना साबुन और पानी के हमारी कमियां बता कर हमारे स्वभाव को साफ़ करता है. अर्थ : इस संसार में मनुष्य का जन्म मुश्किल से मिलता है. यह मानव शरीर उसी तरह बार-बार नहीं मिलता जैसे वृक्ष से पत्ता झड़ जाए तो दोबारा डाल पर नहीं लगता.
शरण पङे को गुरु संभाले, जान के बालक भोला रे।कह कबीर चरण चित राखो, ज्यो सुई मे डोरा रे। बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो। शरण पङे को गुरु संभाले, जान के बालक भोला रे।कह कबीर चरण चित राखो, ज्यो सुई मे डोरा रे। बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो।
कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर. अर्थ : इस संसार में आकर कबीर अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबका भला हो और संसार में यदि किसी से दोस्ती नहीं तो दुश्मनी भी न हो !
ना कुछ साथ आया, ना कुछ साथ जायेगा। सुमरन करले प्यारे, बस यही काम आयेगा।। माटी का शरीर है तेरा, एक दिन माटी में ही मिल जायेगा। ले शरण सत् गुरूदेव की,तेरा जीवन सफल हाे जायेगा।।
निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय। अर्थ : जो हमारी निंदा करता है, उसे अपने अधिकाधिक पास ही रखना चाहिए। वह तो बिना साबुन और पानी के हमारी कमियां बता कर हमारे स्वभाव को साफ़ करता है.
#FridayFeeling मेरे एक संशय का निवारण करिये कि हमारे सद्ग्रन्थों ने बताया है कि गुरु के बिना मोक्ष नही है वो भी पूर्णगुरु होना चाहिए, और आजकल तो गुरुओ की बहार सी आई हुई है, तो ऐसे में हम कैसे जाने की मोक्षदायक पूर्णगुरु कौन हैं क्या पहिचान है उसकी? कैसे मिलेगा मोक्ष? बताये आप सब