लघुकथा- गुलकी बन्नो
कहानी- डॉ. धर्मवीर भारती
पटकथा एवं दिग्दर्शन- भीमसैन
डॉ. धर्मवीर भारती की कहानी गुलकी बन्नो यर्थात से जुड़ी हुई है और सत्य घटनाओं से प्रेरित है| कहानी विचलित करती है और गुज़रे हुए समय का दर्पण भी दिखाती है| हर दशक में समाज के आपसी संबंधों में उतार-चढ़ाव या फेरबदल होते रहते हैं| समाज में कई सदियों से पुरुष ने स्त्रियों को समान दर्ज़ा देने में कंजूसी की है| बुआ जैसी औरतें कुबड़ी गुलकी को बन्नो विशेषण देकर मुसकाने की कोशिश करती थी,उसे सौत की सेवा के लिए क्रूर पति के साथ सुहागिन का आशीष देकर विदा भी कर आती थी, फिर आंखें पोंछकर उसके मकान के सौदे का हिस्सा-बाॅंट करने में लग जाती थी| शायद यही हमारी गुलकी और न जाने हमारे क्रूर समाज में कितनी गुलकी जैसी औरतें बन्नो का विशेषण लेकर घूमती मिल जाऐंगी|
#Telefilm #House #Relation #Business #Society
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30 сен 2021