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Sangat Ep72 | Sanjeev on his Life, Literature, Casteism, Uday Prakash & Rajendra Yadav |Anjum Sharma 

Hindwi
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हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 72वें एपिसोड में मिलिए सुपरिचित साहित्यकार संजीव से। कथाकार संजीव का जन्म 6 जुलाई 1947 को सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। 38 वर्षों तक एक रासायनिक प्रयोगशाला में कार्यरत रहे। सात वर्षों तक ‘हंस’ समेत कई पत्रिकाओं का संपादन और स्तंभ -लेखन किया। लगभग दो वर्षों तक महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा और अन्य विश्वविद्यालयों में अतिथि लेखक रहे।
संजीव का अनुभव-संसार विविधताओं से भरा हुआ है। साक्षी हैं उनकी प्राय: दो सौ कहानियाँ और ‘अहेर’, ‘सर्कस’, ‘सावधान! नीचे आग है’, ‘धार’, ‘पाँव तले की दूब’, ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’, ‘सूत्रधार’, ‘आकाश चंपा’, ‘रह गईं दिशाएँ इसी पार’, ‘फाँस’, ‘रानी की सराय’, ‘मुझे पहचानो’ आदि उपन्यास। नवीनतम कृतियाँ हैं छत्रपति शाहू जी पर केंद्रित उपन्यास ‘प्रत्यंचा’, पुरबी के अनन्य गायक महेन्द्र मिश्र पर केंद्रित उपन्यास ‘पुरबी बयार’ और ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’। कुछ कृतियों पर फिल्में बनी हैं, कुछ की उन्होंने पटकथाएँ लिखी हैं।
उन्हें ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘कथाक्रम सम्मान’, ‘इन्दु शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान’, ‘पहल कथा सम्मान’, ‘सुधा कथा सम्मान’, ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान’ समेत अनेक सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं।
संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गए लिंक पर जाएँ : • संगत
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9 май 2024

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Комментарии : 39   
@pawanparastish4779
@pawanparastish4779 Месяц назад
संजीव सर को पहली बार सुना एक घंटे में कितना कुछ सिखा गये । धन्यवाद संजीव सर!। और धन्यवाद हिन्दवी
@drirchouhanhindisahitya3560
@drirchouhanhindisahitya3560 Месяц назад
संजीव जी बहुत वर्ष पहले पहल की एक गोष्ठी में गांधीनगर गुजरात आए थे।औमा शर्मा ने आमन्त्रित किया था।तब इतने उदाश नहीं थे। राहुल सांकृत्यायन भी एक पड़ाव पर ऐसे ही जिन्दगी से निराश हो गए थे।बड़े लेखक अक्सर ऐसी हताशा से गुजरते हैं।जब उनको लगता है कि समाज उन्हें वो सम्मान या महत्व नहीं दे रहा जैसा अपेक्षित है। संजीव जी ये भारतीय समाज है। जहां गम्भीर कार्य का असली मुल्यांकन बाद में होता है।आप कबीर को देखें मंटो को देखें। ज़िन्दगी कितनी गरीबी में बीती की इस्मत चुग़ताई को लिखना पड़ा मंटो पाकिस्तान जाकर दिवालिया हो गया। शब्द अलग हो सकते हैं।भाव यही था।आप का लेखन तो समृद्ध है। संजीव जी आप के लेखन में भी जीवटता है।
@rudrajha-fb3pp
@rudrajha-fb3pp Месяц назад
बचपन से बुढ़ापे तक जिसने संघर्ष झेला है और अभी भी कह रहा है कि अच्छा इलाज पैसे के कमी के कारण नहीं हो सका या हो रहा है। वैसे संघर्षशील पुरुष को सादर प्रणाम। ऐसी स्थिति में थोड़ी आत्ममुग्धता आ ही जाती है जब आप अपने बल पर ही सब करते हो, साहित्यिक क्षेत्र नामवर सिंह जैसे आलोचक से भिड़ कर नाम कमाना, इतने वृहत रूप से लिखना, कम बड़ी बात नहीं। आपको पुनः प्रणाम 🙏
@govindsen2693
@govindsen2693 Месяц назад
'सूत्रधार' का मुरीद हूं। आप स्वस्थ रहें। अच्छी बातचीत है। सवाल अच्छे रहे।
@ashokseth2426
@ashokseth2426 Месяц назад
संजीव जी का संघर्ष सुनकर मन विचलित हो गया। उनकी जिजीविषा को सलाम।
@atulkumarsingh7215
@atulkumarsingh7215 Месяц назад
संजीव सर आप स्वास्थ्य रहें और खुशहाल रहें...❤️✍️🙏🙇 पढूंगा मैं..❤️
@ravishanker9672
@ravishanker9672 Месяц назад
साहित्यकार को दुख को लाद नहीं लेना चाहिए
@archanasingh3997
@archanasingh3997 Месяц назад
Bahut hi behtarin sahitya ke khajane ka Anmol Ratan❤
@devendramewari4372
@devendramewari4372 Месяц назад
संघर्षों में पले-बढ़े अपने प्रिय कथाकार को सुनना ज़िंदगी को करीब से कान लगा कर सुनने का एहसास दे रहा है।
@seemadatta5634
@seemadatta5634 Месяц назад
संजीव जी स्वस्थ रहें , खुश रहें और लिखते रहें। सुन्दर संवाद ।😊😊
@devendramewari4372
@devendramewari4372 Месяц назад
संघर्षों की राह पर चलते-चलते थक कर विश्राम करते एक रचनाकार से आप कितने स्नेह और सम्मान से प्रश्न पूछ रहे हैं, आप पर प्यार आ रहा है अन्यथा आपके तूणीर में तो सदैव बहुत पैने तीर रहते ही हैं। शरशैया पर लेटे भीष्म से ज्यों पार्थ मुखातिब हो।
@urmilashukl8582
@urmilashukl8582 Месяц назад
बहुत कुछ मिला है आपको, मान प्रतिष्ठा पाठकों का स्नेह.
@vikasjha4492
@vikasjha4492 Месяц назад
श्री संजीव जी का यह कथन मार्मिक है कि,'मैं गरीब घर का लड़का न होता,तो मुझे भी बहुत कुछ मिलता।'ईश्वर से प्रार्थना है कि अगले जन्म में इन्हें बिरला या अंबानी परिवार के लड़के के रूप में पैदा करेॅ।
@user-bp7cs6by5q
@user-bp7cs6by5q Месяц назад
😂😂😂😂
@vilomchakram
@vilomchakram Месяц назад
साहित्य जगत में फैले हुए दुराग्रह,एक समर्थ लेखक को अकेला करके उसके आत्म बल को घटा देते हैं ,यह हिंदी साहित्य का अशोभनीय चेहरा है।
@mumtazahmad4336
@mumtazahmad4336 2 дня назад
एक लेखक क्रिएटिव आदमी जब ये कहता है कि पैसे के अभाव या ग़रीबी के कारण बच्चे को पढ़ा नहीं पाया या इलाज नहीं करा पा रहा हूँ तो दिल फटता है । हमारा समाज संवेदनहीन है --
@ashokseth2426
@ashokseth2426 Месяц назад
कमलेश्वर जी ने जलती हुई नदी में नामवर सिंह के पक्षपात को खुलकर रेखांकित किया है। जाति की सीमा से कहीं न कही नामवर जी बंध जाते थे।
@ashokseth2426
@ashokseth2426 Месяц назад
संजीव जी की उदासी ने मुझे भी उदास कर दिया।
@priyambdapandey5880
@priyambdapandey5880 Месяц назад
अंत भला तो सब भला सुखद रहा आपको सुनना
@DINESHKUMAR-kq7yk
@DINESHKUMAR-kq7yk Месяц назад
बेहतरीन
@radheshyamsharma2026
@radheshyamsharma2026 Месяц назад
बहुत सुंदर।
@shreesandeepji
@shreesandeepji Месяц назад
🙏🙏🙏धन्यवाद
@v.p.tripathi7857
@v.p.tripathi7857 Месяц назад
जैसे हजारी प्रसाद द्विवेदी और कबीर एक दूसरे के पर्याय हैं वैसे ही संजीव जी और भिखारी ठाकुर एक दूसरे के पर्याय हैं। एकमात्र ‘सूत्रधार’ ही संजीव जी को अमर करने के लिए पर्याप्त है।
@ashokseth2426
@ashokseth2426 Месяц назад
अंजुम जी आप ने हमें ५० पुरुष और २२ महिला रचनाकारों से मिलवाया । चित्रा मुद्गल गीतांजलि श्री सुधा अरोड़ा in sabse क्यों नहीं मिलवाते? अब आप कहोगे लेखक का जेंडर नहीं होता वो बस लेखक होता है। Not fair
@ArvindYadav-id1zs
@ArvindYadav-id1zs 18 дней назад
दोस्तों ने जिम्मेदारी क्यों नहीं उठाई
@nikhileshsatani
@nikhileshsatani Месяц назад
That's called a good quality content Thanks ashok
@ashokseth2426
@ashokseth2426 Месяц назад
आपने हमें५० l पुरुष और२२ महिला रचनाकारों से मिलवाया? चित्रा मुद्गल गीतांजलि श्री सुधा अरोड़ा इन सबसे साक्षत्कार कीजिए। Not fair
@prakashchandra69
@prakashchandra69 Месяц назад
संजीव पाठकों के कथाकार हैं दुराग्रही आलोचकों के नहीं।
@Hindisusheelsoni2707
@Hindisusheelsoni2707 Месяц назад
गालिब ने सही ही कहा है " बढ़ते बढ़ते दर्द दवा हो जाता है। "
@user-uf5wm8fm7i
@user-uf5wm8fm7i Месяц назад
Nashist Ye Bani Rahe, Yahi Hamaan-Hamin Rahe, Abhi To Main.... Incidenty my date of birth is 5th July 1947.
@trekkerdeepak969
@trekkerdeepak969 Месяц назад
c
@ashokseth2426
@ashokseth2426 Месяц назад
लता मंगेशकर जी कहती थीं कि वे अपने गीत नहीं सुनतीं और संजीव कहते हैं कि वो अपनी ही रचनाएं पढ़ते हैं। लता जी अपने से विरक्त थीं और संजीव जी अपने से आसक्त और आत्ममुग्ध।
@zakia8623
@zakia8623 Месяц назад
Premchand aur manto se khud ko bada thahrana ghalat hai. Main ne mujhe pahchano padha balki sanjive ji ko phone bhi lagaya. Mera sultanpur se gahra sambandh hai. Isliye bhi. Nahin maloom tha woh aswasth rahte hain . Novel mujhe bahut pasand aya lekin mahsoos hua ki sati pratha kafi pahle khatam ho chuki hai. Roop kunwar ek apwad thi. Beshak qissa goi parakashta par hai.
@devendramewari4372
@devendramewari4372 Месяц назад
उदय प्रकाश उदय प्रकाश हैं और संजीव संजीव। ए प्रेमचंद प्रेमचंद हैं और निर्मल निर्मल
@premchandbansal2759
@premchandbansal2759 Месяц назад
He seems to have some problem. Neither able to sit straight nor to say anything clearly. He is speaking incoherently. It appears that this interview has been an ordeal for him. In such a situation, why was there a need to trouble him ? A few things that could be heard seemed very ordinary. It is sad to see so much anguish, hatred and arrogance filled in the heart of a well-known writer. Are there no dignified personalities left in Hindi now?
@Prabhas230-e1q
@Prabhas230-e1q Месяц назад
ये इन्फिरीऑरिटी काम्प्लेक्स ग्रस्त व्यक्ति हैं।
@SunitaPrasad-xf9yu
@SunitaPrasad-xf9yu Месяц назад
Theek hai thoda over tha but jisne castism ghela ho. Ye woh hi samjh sakta hai.
@Anuragyadav-qp1tw
@Anuragyadav-qp1tw Месяц назад
और आप superiority कॉम्प्लेक्स से ग्रस्त हैं
Далее
💜☀️✨
00:47
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3.5M❤️ #thankyou #shorts
00:16
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мы в телеге - hahalivars
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Это жизнь😂инст:sarkison7
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Найди Влада на стадионе
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