साथियो आज अपन एक सेमीनार कर रहे है चेक मैटर को लेकर जिसमे में डिस्कस करने वाला हु सेक्शन 148 NI ACT और सेक्शन 389 CrPC को लेकर जो CONFUSION आपके माइंड में रहते है उन सब बिन्दुओ को लेकर देखो जब भी आप NI एक्ट में कन्विक्ट हो गए तो अपील तो फाइल करोगे ही करोगे अपील के लिए बेसिक सेक्शन क्या है सेक्शन 374 CrPC वो सेक्शन क्या बोलता है कि अगर आप कन्विक्ट हो तो आप उस फैसले के विरुद्ध सेशन कोर्ट में या उससे हायर कोर्ट में जाकर जो है अपील दायर कर सकते हो जो कि एप्लीकेबल होना चाहिए As Per The Protocol और सेक्शन 389 क्या है कि जब भी आपको सजा होती है तो सजा में कोर्ट ये लिखता है कि आपको एक वर्ष के कारावास से या दो वर्ष के कारावास से दण्डित किया जाता है तो आप अपील में क्या कहते हो कि निचली कोर्ट ने माइंड अप्लाई नहीं करा निचली कोर्ट ने हमारे केस को नहीं देखा निचली कोर्ट ने हमारे पुरे केस को खराब कर दिया तो हमारे केस को रिव्यु किया जाए और सारे पॉइंट्स जो है उनको वापिस से देखा जाए जब तक वो अपील तय नहीं हो जाए तब तक हमे जेल नहीं भेजा जाए अब एक नई मुसीबत हमारे लिए क्या आ रही है इन दिनों कि Appellant कोर्ट जो है सेक्शन 148 NI ACT कि लाइट में कई बार COST या फाइन अमाउंट का 20% जो है अवार्ड कर रही है तो वो अमाउंट जो है हम जमा कराना नहीं चाहते और हमारे माइंड में क्या आता है कि केस निपट जाए फिर जो होगा सो होगा और राजीनामा हो गया तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कुल मिला के एक ही मकसद है डिफेन्स का परिवादी जो है परेशान होता रहे और अभी इस पर जो रीसेंट पोसिशन्स है में आपको खुलकर समझाने वाला हु पर आपको आपका पॉइंट रखने का तरीका भी आना चाहिए और वो में आपको सिखाने वाला हु समझाने वाला हु खुलकर तो साथियो आपको लड़ना है मजबूती के साथ साथियो घबराने कि बिल्कुल भी जरुरत नहीं है अगर आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहे है तो इस विडिओ को अंत तक जरूर देखे आपकी समस्या का समाधान इस विडिओ के माध्यम से जरूर होगा।
Adv. Jinesh Soni
9772946899
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30 ноя 2022