ॐ
गुरुदेव तुम्हीं हो मेरे मीत,
ये मन खुशहाल तुम्हीं से है
मेरे जीवन का हर संगीत,
सभी सुर ताल तुम्हीं से है ||
तुमसे ही विद्या, तुमसे ही बुद्धि,
तुमसे ही हर ज्ञान पाया,
तुमसे ही मैंने सीखा है जीना,
तुमसे ही सम्मान पाया
काँटें भरे हुए रास्तों से मुझको,
तुमने ही पल-पल बचाया,
हुयी हर मोड़ पे मेरी जीत,
मैं हर धनवान तुम्हीं से है ||
जब से है थामी उँगली तुम्हारी,
ठोकर नही मैंने खायी,
सोचा नही था, मैंने कभी जो
हर चीज़ मैंने है पायी
भर भर गया है ख़ुशियों से मेरा
ऐसी है कृपा लुटायी
गए दुखड़े भरे ये दिन,
मेरा इक़बार तुम्हीं से है ||
जितना मिला है खुश हूँ उसी में,
लालच नहीं और मुझको
बस अपनी कृपा रखना हमेशा,
चाहत नहीं और मुझको
अब इससे ज़्यादा देना गुरुजी,
शोहरत नहीं और मुझको
मेरे जीवन में लय और गीत,
मधुर झंकार तुम्हीं से है ||
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25 янв 2024