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|UTSAHI IMPERSONAL ENERGY|क्या स्थिरताभौतिक प्राप्तियों पर टिकी होती है|हर चलना पहुँचना नहीं होता| 

UTSAHI IMPERSONAL ENERGY
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जहाँ कुछ भी चलायमान नहीं है, वहीँ सब कुछ स्थिर है. एक जगह जम जाना या टिक जाना, जड़ होना भी स्थिर होना नहीं है. यह भौतिक परिस्थितियों से बहुत आगे की स्थिति है.
हमारा शरीर भौतिक है, अर्थात सूक्ष्म ज्ञान से पूर्व भौतिक शरीर का महत्व है. इसको सूक्ष्म विधियों से स्थिर किया जाना है.
यह समझना बहुत ही कठिन है कि स्थिरता, सूक्ष्मता के माध्यम से ही संभव हो सकती है और इसका रास्ता शरीर की ठोस भौतिकता से होकर ही गुजरता है.
अब यह जानना आवश्यक है कि कब भौतिकता, सूक्ष्मता का रूप धारण करती है और कब सूक्ष्मता, भौतिकता के माध्यम से प्रकट होकर स्थिर हो जाती है.
इसलिए न तो स्थिरता भौतिक है और न ही सूक्ष्म, यह तो मानसिक स्थिति का वह स्वरुप है जो उन महान ऊचाइयों को छूता हुआ, सोच को उन गहराइयों में लेकर जाता है, जहाँ कुछ भी चलायमान नहीं है. जहाँ सब कुछ स्थिर है.
मन की चंचलता भी वहां पहुचकर अपना स्वरुप खो बैठती है. सोच को अपना अंतिम पड़ाव मिल जाता है. अब यहाँ से शुरू होती हैं अनहद यात्राओं की वो स्थितियाँ जहाँ से पीर-पैगम्बर संसार को स्थिरता प्रदान करने हेतु चलायमान हो जाते हैं.
वो स्थिरता जो जीवन को उसका मकसद समझाती हुई निरंतर यात्रा कीं ओर बढ़ने को प्रेरित करती है. जीवन का एक मात्र महान उद्देश्य यही स्थिर हो जाना है.
स्थिर हो जाने की जानकारी होना, स्थिरता की ओर बढ़ता हुआ पहला कदम है, अन्यथा जैसे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने कहा कि- हर चलना पहुँचना नहीं होता. यानि हर चलना यात्रा का अंग नहीं होता.
यात्रा उद्देशित होती है. अगर उद्देशित न हो तो भटकना भी पड़ सकता है. यात्रा की दिशा कई बार भौतिक होती है और उसका रिजल्ट निकल जाता है सूक्ष्म.
भौतिक व्यापार करने बाबा नानक जी कुछ रूपये लेकर घर से निकले थे और भटक कर सूक्ष्म व्यापार की ओर मुड़ गए और अन्ततः सच्चा सौदा करके गुरु नानक देव स्थिर हो गए.
स्थिर अवस्था का एक और प्रसंग - एक बार पिताजी ने खेत में भेजा चिड़ियों से गेहूं की रक्षा करने के लिए पर बाबा नानक देव जी को सभी में राम ही नजर आया और कहने लगे- राम दी चिड़िया राम दा खेत, छक्को चिड़ियों भर-भर पेट.
मन की भटकन का अंत ही स्थिरता की ओर ले कर जाता है. स्थिर होता है भ्रम से, आतंरिक झंझावातों से.
आध्यात्मिक प्रसंगों में आमतौर पर यह कहा जाता है कि अपने भीतर झांको.
अधिकतर अपने भीतर झाँकना भी भ्रमों की ओर ले जाता है, क्योंकि भीतर झाँकने की पद्धति जाने बिना यह झांकना भी सफलताओं की ओर नहीं ले जाता है.
गुरु का मात्र संकेत ही काफी है. इस संकेत को पाने के लिए देने वाले के प्रति समर्पण चाहिए.
समर्पण के बिना गुरु नहीं, गुरु बिना ज्ञान नहीं. ज्ञान बिना मार्ग नहीं, मार्ग बिना मात्र भटकन है.
जीवन को उस मार्ग की आवश्यकता होती है जहाँ ठहराव हो. भटकन से ठहराव. अब प्रश्न उठता है कि भटकन क्या है? इसका उत्तर है जीव का निरुद्देश्य जीना.
पुनः प्रश्न आता है कि जीवन का उद्देश्य क्या है? यहीं सबसे बड़ा प्रश्न है जीवन के लिए कि मैं क्यों और किस लिए जिऊँ ? उत्तर है स्थिर होने के लिए .
स्थिर होना वो सब कुछ पाने में नहीं है, जो मेहनत से प्राप्य है बल्कि उसमें है जो समर्पण युक्त मेहनत से प्राप्य है.
सांसारिक परिस्थितियों में जो भी मिलता है वह मेहनत से प्राप्त किया जाता है. इसलिए वह क्षणिक प्रसन्नतादायक, क्षणिक सुखदायक और क्षणिक शांतिदायक है.
स्थिरता वह अवस्था है जो भौतिक प्राप्तियों पर नहीं टिकी होती है. बल्कि प्राप्त को त्यागने की अवस्था पर पहुचने पर टिकी होती है.
स्वार्थ से, सिद्धियों से, तर्क-कुतर्कों से जो प्राप्त होता है वह स्थिरता की ओर नहीं ले जाता है, बल्कि अस्थिरता और चिंताओं की ओर ले जाता है.
प्राप्त को त्यागने की अवस्था पर पहुचने के लिए ऐसे मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है, जो राह और मंजिल दोनों को जानता हो.
मंजिल ज्ञान को रेखांकित करती है और राह जीवन को. दोनों के संतुलन से वो आत्मिक स्थिति पैदा हो जाती है, जो स्थिरता को जन्म देती है.
इसलिए जीवन में ऐसा गुरु चाहिए जो मार्ग और मंजिल दोनों का उत्तरदायित्व ले. तब इसके फलस्वरूप उत्पाद के रूप में स्थिरता प्रकट होती है, जहाँ सब कुछ चलायमान होता है जबकि धैर्य और मानसिक संतुलन स्थिर होते हैं.
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Опубликовано:

 

19 апр 2024

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Комментарии : 14   
@user-sm3wm5sv2v
@user-sm3wm5sv2v 3 месяца назад
Sundar vichar
@d.rchantola9158
@d.rchantola9158 3 месяца назад
बहुत ही ज्ञानवर्धक विचार श्रवण किए।
@TirlokSingh-sp2wv
@TirlokSingh-sp2wv 2 месяца назад
❤❤❤❤❤🎉🎉🎉
@rajendrasinghadhikari8319
@rajendrasinghadhikari8319 3 месяца назад
👌👌👍👍🙏🙏
@user-yi3qw2zu5o
@user-yi3qw2zu5o Месяц назад
🙏🙏
@user-rh3rp6uz6t
@user-rh3rp6uz6t 3 месяца назад
Important video है। वाह ❤
@SadhanaSingh-iw9by
@SadhanaSingh-iw9by 3 месяца назад
Wah wah wah Sundar vichar🎉❤
@user-nj5ym7vz7h
@user-nj5ym7vz7h 3 месяца назад
परमात्मा स्थिर है 🎉🎉
@nandansingh3965
@nandansingh3965 3 месяца назад
Vah kya baat hai sar
@milapsinghmehta1715
@milapsinghmehta1715 3 месяца назад
अति ही लाभदायक बिचार ।धननिरंकार जी परभु।।❤❤
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 3 месяца назад
Dhan nirankar ji prabhu ji
@spiritualstability5006
@spiritualstability5006 3 месяца назад
धन निरंकार जी🙏🏻🙏🏻 सत्य वचन हुजूर💐💐
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 3 месяца назад
Dhan Nirankar ji
@bhuwanpathak4817
@bhuwanpathak4817 3 месяца назад
🙏🙏
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