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|UTSAHI IMPERSONAL ENERGY| परमात्मा का इतनी बड़ी सुन्दर व व्यवस्थित रचना रचने का उद्देश्य क्या है| 

UTSAHI IMPERSONAL ENERGY
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एक ही अस्तित्व के दो नाम - प्रकृति और परमात्मा. एक कला है दूसरा कलाकार. जैसे नृत्य और नर्तक एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकते, उसी प्रकार सृष्टि व सृष्टा भी अलग नहीं हो सकते.
जिस प्रकार कोई कलाकृति अपने निर्माता के अस्तित्व व व्यक्तित्व को प्रकट करती है उसी प्रकार ये प्रकृति भी अपने रचियता को व्यक्त करती है.
जिस का निर्माण हुआ है उसका निर्माता अवश्य है, इसमें किसी को भी कोई शंका अथवा तर्क की गुंजाइश नहीं है.
परमात्मा ने यह समस्त सृष्टि की रचना बहुत ही सुनिश्चित तरीके से की है. प्रत्येक कण एक निश्चित नियमावली से अनुशासित है.
इन्सान जो रचना करता है वह अपने-अपने नियमानुसार बनती और बिगडती रहती है पर क्या मजाल कि परमात्मा की रचना में तनिक सी गड़बड़ी हो जाए. कहा भी है-
खुदा ने जो बनाया है, बहुत सुन्दर बनाया है. कहीं नदियों की कलकल है, कहीं पेड़ों की छाया है.
सूर्य समय पर निकलता है, समय पर अस्त होता है. आम के पेड़ में आम और अमरुद के पेड़ में अमरुद ही लगते हैं.
गुलाब के पौधे में गुलाब और गेंदे के पौधे में गेंदे के ही फूल खिलते हैं.
खट्टे बीजों वाले वृक्षों में खट्टे और मीठे बीजों वाले वृक्षों में मीठे फल ही उगेंगे और ये सभी निश्चित भूमि, निश्चित जलवायु और निश्चित ऋतू अर्थात समय में ही उत्पन्न होंगे और निश्चित समय पर समाप्त हो जायेंगे.
परमात्मा की सम्पूर्ण रचना सुनिश्चित और विविध प्रकार से प्रकट होती है. हम देखते हैं कि एक पेड़ की पत्ती दूसरे पेड़ की पत्ती से नहीं मिलती.
हर एक पेड़ की पत्तियों का अपना निश्चित आकार-प्रकार होता है. इस प्रकार प्रत्येक रचना अपने आप में अलग-अलग होती है.
अब यह अनुमान लगाना कितना कठिन है कि इतनी विविधता व अंतर जानने वाला परमात्मा कितना चेतन, कितना समर्थ होगा.
विश्व की इतनी बड़ी रचना को देखकर और उसके सञ्चालन के विधान को देखकर कौन अभागा होगा जो रचियता के अर्थात परमात्मा के अस्तित्व में संदेह करेगा.
जरा गौर से देखिए - कैसा अखंड अनुशासन है कि एक ही मिट्टी से गन्ना मिठास, मिर्च कड़वाहट और इमली खटास प्राप्त करती है.
अगर कहीं शक है तो मिट्टी को चखिए इसमें इस प्रकार का कोई स्वाद या रस नहीं मिलेगा. इतने रस इतने गुण एक ही मिट्टी में कहाँ से आ जाते हैं यह एक रहस्य है.
तभी तो शास्त्रों में वर्णित है - मैं स्वयं ही मिट्टी हूँ, मैं स्वयं ही बीज हूँ, मैं स्वयं ही वृक्ष हूँ व मैं स्वयं ही फल हूँ. मैं ही स्वयं रस-स्वाद व गुण हूँ. अर्थात परमात्मा ही सब कुछ है. तू ही निरंकार.
इस संसार में लाखों पशु-पक्षी, जीव-जंतु मौजूद हैं. सब एक-दूसरे से भिन्न आकर व प्रकार के हैं. जितने प्रकार के पशु-पक्षी, जीव-जंतु उतने प्रकार के रंग, उतने ही प्रकार के गुण व स्वभाव.
जल-थल, सर्दी-गर्मी, रात-दिन, प्रकाश-अन्धकार आदि सब इस प्रभु की साक्षी देते हैं, इसी के अस्तित्व को प्रकट करते हैं.
अग्नि जलाती है, पानी बुझाता है, वायु कम्पित करती है, जीवन चिल्लाता है, मृत्यु मारती है .
इस परम सत्ता के इशारे से सब हो रहा है, बिना इसके संकेत के एक पत्ता भी हिल नहीं सकता. एक स्वास का भी आना-जाना नहीं हो सकता. किसी ने सच ही कहा है-
सूरज जिसे तपाता है, सावन उसे भिगोता है . पागल मन क्यों रोता है, जो होना है वो होता है .
पवन जिसे उडाता है, सागर उसे डुबोता है. पागल मन क्यों रोता है, जो होना है वो होता है .
अब प्रश्न यह उठता है कि परमात्मा का इतने बड़ी रचना रचने का उद्देश्य क्या है? क्यों इसने इतनी सुन्दर व व्यवस्थित रचना की है.
महापुरुषों का मत है कि इसने अपने से ही अपने लिए इसे बनाया है और चाहता है कि मानव इस परम सत्ता को जानकर आनंद को प्राप्त हो.
सृष्टि के कण-कण में इसके प्रत्येक पदार्थ में यह निराकार सत्ता व्याप्त है, यही परमात्मा है.
जब मानव प्रकृति के हर रूप में परमात्मा को देखने लगता है तो वह कालान्तर में स्वयं भी परमात्मा स्वरुप हो जाता है.
अवतार वाणी कहती है-
कण-कण में है ज्योति तेरी पात-पात पर तेरा नाम. यत्र-तत्र सर्वत्र दिशा में देख रहा हूँ तेरा धाम.
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3 май 2024

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Комментарии : 36   
@BhagwanSinghrautela-uy8zq
@BhagwanSinghrautela-uy8zq 2 месяца назад
Bahut badhiya hai
@deepapandey3337
@deepapandey3337 2 месяца назад
Bahut Sundar vichar Dhan Nirankar ji
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
धन निरंकार जी प्रभु जी
@d.rchantola9158
@d.rchantola9158 2 месяца назад
ब्रह्म एवं प्रकृति का सुन्दर विश्लेषण किया है साथ ही यह समझाया गया है कि सबकुछ परमात्मा के अधीन है।
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
आपका अमूल्य प्रत्यक्ष अनुभव motivation का कार्य करगा. Thanks a lot.
@sarthakbora1360
@sarthakbora1360 Месяц назад
Excellent ❤❤🎉🎉
@user-vw8rr9nu2h
@user-vw8rr9nu2h 2 месяца назад
परमात्मा की रचना क्या खूब है ❤ सुंदर ढंग से वीडियो बनाया है आपने 🎉❤
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
सृष्टि के निर्माता को जानना बहुत जरुरी है. उत्साहवर्धन के लिए आप जी का शुक्रिया जी.
@RajeshSingh-go3ni
@RajeshSingh-go3ni 2 месяца назад
Bahut Sundar vichar dhan nirankar ji
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
धन निरंकार जी
@jankishahi5125
@jankishahi5125 2 месяца назад
Sundar vichar🙏👍
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
विडियो देखने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद जी
@user-nj5ym7vz7h
@user-nj5ym7vz7h 2 месяца назад
प्रभु राज़ी तो सब राज़ी ❤❤
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
समर्पित भाव
@VipinJoshi-kb1cj
@VipinJoshi-kb1cj 2 месяца назад
Wah ji sundar vichar
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
प्रेम सदा बना रहे प्रभु जी
@rajendrasinghadhikari8319
@rajendrasinghadhikari8319 2 месяца назад
🙏🙏👍👍
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
शुक्रिया महाराज
@bhuwanpathak4817
@bhuwanpathak4817 2 месяца назад
J 🙏 बहुत बहुत सुंदर
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
ये आपका प्रेम है
@doliabisht
@doliabisht 2 месяца назад
सरल शब्दों में ईश्वर को नमन करने के लिए - जैसे जल को जिस पात्र में रखो उस पात्र का रूप धारण कर लेता है,इसी प्रकार ईश्वर को हम जिस रूप में स्मरण करें,ईश्वर उसी रूप में हमें प्राप्त होते हैं, ईश्वर के रूप अनेक जैसा वीडियो में समझाया गया हैँ.यदि कुछ वीडियो सत्संगी भजन द्वारा बनाए जाए तो अति सुन्दर होगा 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
दिल की गहराई से बहुत - बहुत शुक्रिया आपका. आपकी आध्यात्मिक अनुभव से बहुत प्रेरणा मिल रही है. निकट भविष्य में अवश्य ही सत्संगी भजनों पर आधारित विडियो बनाने का प्रयास करूँगा. Thanks a lot.
@sarthakbora6717
@sarthakbora6717 2 месяца назад
Bahut Aacha vichar mamu ji
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
love you
@AmarSingh-hy8ix
@AmarSingh-hy8ix 2 месяца назад
बहुत ही अच्छा 🎉🎉
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
धन्यवाद प्रभु जी
@rajendraprasadshukla232
@rajendraprasadshukla232 2 месяца назад
Excellent 👌
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
Thank you! Cheers!
@Mahibisht-mw9ch
@Mahibisht-mw9ch 2 месяца назад
Bahut sundar bhaiya
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
kripa banaye rakhna bahin ji.
@SadhanaSingh-iw9by
@SadhanaSingh-iw9by 4 дня назад
Prabhu ichchha maan leni hai❤❤❤
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 4 дня назад
जी महाराज जी
@madhavpande8545
@madhavpande8545 28 дней назад
KYA AISI KOI SADHNA KI VIDHI HAI KYA JIS SE ME JAAN SAKU KI ME SHARIR NAHI HUN.
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 28 дней назад
प्रभु जी आप जी का शुक्रिया वीडियो देखकर और कमेंट्स के लिए । ज्ञान का अनुभव हो जाना पहले जरूरी है जिससे यह प्रत्यक्ष अहसास हो जाता है कि मैं शरीर नही हू जी ।
@BhagwanSinghrautela-uy8zq
@BhagwanSinghrautela-uy8zq 2 месяца назад
Bahut badhiya hai
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 2 месяца назад
aapka शुक्रिया जी
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