इसीलिए तो हम कहते हैं कि सद्गुरु कबीर साहेब को पढ़िए और अच्छी तरीके से अपने भीतर उन्हें समझें। उनकी मौलिक रचना बीजक है जब उसे आप पढ़ेंगे। जिन पर सद्गुरु अभिलाष साहेब की दो खंडों में व्याख्या है। उसे पढ़िए और सत्य के शिखर पर विराजमान हो जाइए खूब खूब प्रेम और अनंत साधुवाद!
सत्य केवल वही कह सकता है जिसे कबीर साहेब का खारा ज्ञान मिला है ऐसे ही सदगुरु कबीर साहेब के ज्ञान को समझ कर हमें जीना चाहिए और अपना उद्धार करते हुए जितना हो सके लोगों के उधर में अपना सहयोग करना चाहिए....