Channel- Sunil Batta Films
Documentary- Imambara Afzal Mahal , Lucknow
Produced & Directed by Sunil Batta, Voice- Navneet Mishra, Camera-Chandreshwar Singh Shanti, Production- Dhruv Prakesh, Camera Asst.- Runak Pal, Kuldeep Shukla,
Synopsis-
इमाम बाड़ा अफज़ल महल
लखनऊ के इमाम बाड़ों की ही फेहरिस्त में एक क़दीमी इमाम बाड़ा अफ़जल महल भी है। यह इमाम बाड़ा मेडिकल कालेज से नक्खास जाते हुए विक्टोरिया स्ट्रीट के दायें जानिब वाके है। इसके सामने सड़क के बायें जानिब शीया कालेज है। इमाम बाड़े के बाहर की तरफ लाल रंग की एक शानदार दो मंज़िला इमारत है जिसके लोहे के दरवाजे हैं। चैनल गेट के दोनों जानिब दुकानें और मकानात हैं।
इमाम बाड़े के सामने बागी़चा है जिसके दायें जानिब एक दो मंजिला पुरानी मस्जिद है।
यह इमाम बाड़ा जिस ज़मीन पर वाके है वह कभी अफज़ल महल की मिलकियत थी। अफज़ल महल ग़ालिबन वाजिद अली शाह की बेगम थीं। यह जायदाद रानी शहंशाह बेगम ज़ौजा फज़ल अली खां, तअल्लुकादार अकबरपुर ज़िला सीतापुर ने 1901 ई0 में खरीदी थी। उनके बेटे राजा ठाकुर नवाब अली खां इलमे मौसीक़ी की मशहूर किताब ‘‘मआरिफतनगमात’’ के मुतवल्लिफ थे। वह भातखण्डे म्यूज़िक कालेज जो आज भी अपनी आन बान शान से कायम है उसके बानियों में से एक थे। ठाकुर नवाब अली खां और उनके बेटे कुँवरयूसुफ अली खां दोनों ही रानी साहिबा को उनकी जिन्दगी में दाग़े मुफ़ारक़त दे गये थे। ठाकुर नवाब अली खांन का मकबरा गुफरान मआब के नज़दीक है। रानी साहिबा का इन्तिकाल 1952 ई में हुआ था। इमाम बाड़े के मौजूदा मुतवल्ली मुन्तसिर अब्बास साहब उर्फ़ मन्सूर सुलतान हैं। उनके वालिद सुलतान अली खांन को रानी साहबा ने गोद लिया था और उनके नाम पर अपनी बनवाई हुई इमारत का नाम सुलतान मंजिल रखा था। चुनांचि फाटक के दायें जानिब संगे मरमर की तख्ती पर उर्दू में और बायें जानिब अंग्रेजी में इमारत का नाम और सने तामीर दर्ज है। इमाम बाड़ा अफ़जल महल मेन रोड पर वाक़े होने की वजह से मुहर्रम के महीने में अक़ीदत मंदों के हुजूम का सबब बनता है। क्योंकि शहर लखनऊ के तमाम शीया मुहर्रम के महीने में इस इलाके़ में जरूर आते हैं।
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15 окт 2024