सुंदरता दो प्रकार की होती है एक तन की दुसरी मन।तन कि सुन्दरता से लाख गुना अच्छी मन की सुन्दरता होती है । इस लिए हमेशा मन की सुन्दरता को महत्व देना चाहिए।मन की सुन्दरता जीवन भर साथ चलती है
मै बूढी काकी उपन्यास पूरा पढा है,मुँशी प्रेमचँदजी इसी लिए अजर अमरहै,उन्होने समाज का यथार्थ पिरोया है बहुत ही मार्मिक कहानी है रूला दियाहै।लेकिन कहानी के हिसाब से फिल्म नही बन पाई है,ऐकमी आप लोगो कीहै।वो तो मैने पूरी कहानी कोपढाथा,तब मै सब बातो को जानता हूँ।आपने सक्षिप्त मे कथानक गढ दियाहै।
Hriday parabartan ki bejod kahani hai Achhai se burai ko badalane ke liye kahani samrat munsi Premchand ko sadar dhanyabad deta hun Sansar sadaiv rini rahega
मुन्शी प्रेमचंद की कहानियां ऐसी लगती है उनमें घटती घटनायें हमें स्वयं की या पास पडौस में घट रही घटनाओं का ही रुप लगती है।महान लेखक ने गरीबी पर अनाथों पर रिश्तों की डोर जो कमज़ोर होती है तों उनको मजबूती देने हेतू लिखा। बड़े घर की बेटी एक सुंदर कहानी भी प्रेम चंद ने लिखी जो हम बचपन में अपनें पाठ्यक्रम में पढ़ कर बड़े हुये है। प्रस्तुति के लिये भावना बहुत है शब्द नहीं दे पा रहा हूं। जब व्यक्ति ज़िम्मेदारी की चादर ओढ़ लेता है उसे कर्तव्य निभाते हुए सर्दी गर्मी सुख दुःख विचलित नही कर सकतें।