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"सीमा रेखाएँ" || a story by कुॅंवर नारायण |स्वर - आशा रघुदेव
कुॅंवर नारायण - - -
मैं नवागत वह
अजित अभिमन्यु हूँ
प्रारब्ध जिसका गर्भ से ही
हो चुका निश्चित।
जन्म - - 19 सितंबर, 1927 । फैजाबाद उत्तर प्रदेश
कुॅंवर नारायण वर्तमान युग के सर्वश्रेष्ठ साहित्यकारों में से एक थे। उन्हें अपनी रचनाशीलता में इतिहास और मिथक जरिए वर्तमान को देखने के लिए जाना जाता है|उनका रचना संसार इतना व्यापक और जटिल है कि उसको कोई एक नाम देना संभव नहीं है|उनकी रचनाओं का अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं और कई विदेशी भाषाओं में हुआ है |पद्म भूषण से सम्मानित कुॅंवर नारायण के साहित्य पर अनेक शोधार्थियों ने पी. एच. डी. की डिग्री प्राप्त की|समादृत कवि आलोचक और अनुवादक कुॅंवर नारायण साहित्य जगत को अपने साहित्य का बहुमुल्य खजाना सौंप कर 15 नवंबर 2017 को दुनिया को अलविदा कह दिए |
प्रकाशित कृतियाँ-
कविता संग्रह -- चक्रव्यूह 1956
तीसरा सप्तक 1959
परिवेश:हम तुम 1961
अपने सामने 1979
कोई दूसरा नहीं 1993
इन दिनों 2002
कविता के बहाने 1993
खंड काव्य - आत्मजयी 1965
वाजश्रवा के बहाने 2008
कहानी संग्रह -- आकारों के आसपास 1971
बेचैन पत्तों का कोरस
सम्मान और पुरस्कार-- पद्म भूषण पुरस्कार (2009)
ज्ञानपीठ पुरस्कार (2008)
साहित्य अकादमी पुरस्कार (1995)
व्यास सम्मान
राष्ट्रीय कबीर सम्मान
शलाका सम्मान |
प्रस्तुत कहानी कुॅंवर नारायण का दूसरा कहानी संग्रह
"बैचेन पत्तों का कोरस" से लिया गया है |
5 май 2024