ॐ
ओ प्यारे प्रभु के गुण गाले,
तेरी नैया पार लगे बोल हरि ओम ।
तू दिल में प्रभु को ही ध्याले,
तेरे सोये भाग्य जगे बोल हरि ओम ।।
यू ना अकड कर चला करो,
कुछ तो प्रभु से डरा करो
क्या लाए क्या ले जाओगे,
ख्याल कभी तो किया करो
है चार दिनों की तेरी जिन्दगानी,
एक दिन तू यहाँ से चले
बोल हरि ओम ।।
जग में क्यो भरमाता है,
हरि गुण क्यों नहीं गाता है
मानुष जन्म मिला अमोलक,
व्यर्थ इसे क्यूं गवाता है
तू मानले अब कहना गुरु का,
तेरी लख चौरासी कटे
बोल हरि ओम ।।
जो प्रभु के गुण गाता है,
भव सागर तर जाता है
प्रेमी वो तो मात गर्भ में,
फिर से कभी नहीं आता है
तू मानले अब कहना गुरु का,
तेरे बेड़ा पार लगे बोल हरि ओम
बोल हरि ओम।।
--------------------------------------
29 янв 2024