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UTSAHI IMPERSONAL ENERGY| किसके इशारे से जिंदगी के दृश्य हमारे सामने आते हैं|क्या सुख एक धोखा है| 

UTSAHI IMPERSONAL ENERGY
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आज से हम दूर हैं कल का पता नहीं. जो आने वाली सुबह है उसने हमारे आज को कल में बदल देना है. जो आन वाला कल है वो भी कैसा आएगा यह भी पता नहीं और हमारी आशाओं का भी अंत नहीं जिसके सहारे हम जिंदगी को धकेल रहे हैं. जिंदगी भी एक रेलगाड़ी की तरह ही है जो पता नहीं कब और किस पटरी से गुजरेगी. जिंदगी जीने के लिए बड़े अरमान हैं, बड़ी-बड़ी ख्वाहिशें हैं, बड़े-बड़े सपने हैं पर ये सब मिटटी में मिलते चले जाते हैं, कितनी हैरानी वाली बात है.
मनुष्य के मन में रोज ही इच्छओं के गुब्बारे बनते और फूटते हैं, इस बनने और फूटने में ही इन्सान की जिंदगी की शाम इतनी नजदीक आ जाती है कि पीछे पलटकर देखना भी मुश्किल हो जाता है.
जिंदगी सूखे पत्ते की तरह है जिसको हवा कहाँ उड़ाकर ले जाएगी पता नहीं, फूलों के बगीचे में या फिर गन्दगी के ढेर में.
इंसान की जिंदगी की फिल्म कर्मों के अनुसार उसके जन्म लेने से पहले ही तैयार हो जाती है जिसके दृश्य उसके सामने आने शुरू हो जाते हैं. यह परमात्मा की तरफ से बनी होती है, इसलिए इसमें कोई भी परिवर्तन संभव नहीं है. हाँ पूर्ण सद्गुरु में यह सामर्थ्य है, रेख में मेख मारने की यदि मनुष्य को इस पूर्ण सद्गुरु की पहचान हो जाए तो.
दूसरी फिल्म वो है जिसकी कल्पना इन्सान ने स्वयं अपने दिमाग में तैयार कर रखी है. रंग-रंगीले सुन्दर -सुन्दर दृश्य, सुन्दर आशियाना उसमें भी न जाने मनुष्य ने कितने प्रकार के रंग भर रखे हैं.
जिंदगी के रंगों को देखने के लिए मनुष्य बहुत बेताबी से इंतजार कर रहा है की न जाने कब तक उसके सपने पुरे होंगे.परन्तु दृश्य तो उस फिल्म का सामने आना है जो रचनहार ने तैयार कर रखी है.
जब इच्छानुसार दृश्य सामने नहीं आता तो इन्सान बहुत दुखी होता है. यहाँ अपनी सोच काम नहीं करती जो होता है वह इन्सान का कर्म फल होता है. इस बात को यदि इन्सान समझ जाता है तो दुखी होने से बच सकता है. सपने तो अमीरी के देख रहा है पर दिन गरीबी में कट रहे हैं. जब मनुष्य के सपने के विपरीत भाग्य-विधाता का दृश्य सामने आता है तो मनुष्य बहुत विचलित हो उठता है. कई बार तो मनुष्य अपनी जिंदगी को नफरत की निगाह से देखना शुरू कर देता है.
वास्तव में जिंदगी क्या है? जिंदगी तो सिर्फ शबनम की बूँद है जिसे पकड़ने जाएँ तो इसका कोई वजूद ही नहीं है.
महापुरुषों ने कहा है - पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात.
जिस तरह से आसमान में बादल सूरज को घेर लेते हैं. एक छोटा सा बादल का टुकड़ा सूर्य की रौशनी को प्रकाश देने से रोक देता है. ठीक इसी तरह दुःख और पीड़ा मनुष्य के जीवन की गति को कमजोर कर देते हैं.
मनुष्य चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो वह दुःख और शोक के आगे कमजोर पड़ जाता है.
कबीर जी कहते हैं - मैं जानया दुःख मुझ को, दुःख समाया जग. ऊपर चढ़ के देख्या, घर-घर ये ही अग.
दुःख की माला तो तकरीबन हर इन्सान घुमा रहा है. किसी न किसी पीड़ा में मनुष्य उलझा रहता है.
कितनी अजीब दास्ताँ है जन्म से लेकर मरने तक की पीड़ा में, मनुष्य जीवन का सफ़र तय करता है. सुख के क्षण भी जीवन में आते है किन्तु पल भर के लिए.
सुख एक धोखा है जिसके इंतजार में मनुष्य जीवन ही खो बैठता है. सुख का लोभ इंसानों को आने वाले दुःख से बेखबर कर देता है ताकि वे मौत के मुंह में बड़े आराम से चले जायें.
जब से दुनियां बनी है पता नहीं कितनी सभ्यताएँ बनी और नष्ट हुई. कितनी बार इस धरती के बटवारे हुए. कितनी बार बिगड़े और मिटे किन्तु धरती आज भी उसी तरह ही है.
जिंदगी की फिल्म को समझने की जरुरत है. कौन रचनहार और किसकी ये रचना है. किसके इशारे से जिंदगी के दृश्य हमारे सामने आते हैं. जिसके बारे में कभी सोचा नहीं वैसा दृश्य मनुष्य के सामने आता है.
जरा याद कीजिए श्री राम जी के जीवन को तो कहाँ उनका राजतिलक होने वाला था, बड़े धूम-धाम से इसकी तैयारियाँ हो रही थी किन्तु उनको वनवास की तैयारियां करनी पड़ी. यह समस्त खेल और सारी रचना यह सिद्ध करता है कि - हम सब हैं कठपुतली, नचाने वाला तू. जिंदगी के खेल को रचाने वाला तू.
ये जो जिंदगी का खेल है इसे चलाने वाला सृजनहार है, जीने के लिए इसके सहारे की जरुरत है. इस सारे खेल का भेद सद्गुरु के पास है. सद्गुरु को यदि कोई रिझा ले तो हो सकता है कि यह जिंदगी की फिल्म के ख़राब दृश्य को अच्छे दृश्य में बदल दे. तीन लोक नौ खंड में, गुरु से बड़ा न कोय. करता करे न कर सके, गुरु करे सो होय.
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24 июн 2024

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Комментарии : 15   
@user-yi3qw2zu5o
@user-yi3qw2zu5o 24 дня назад
🙏🙏🙏🙏
@bhuwanpathak4817
@bhuwanpathak4817 29 дней назад
🙏🙏J 😇 आप हमेशा ही परमात्मा की बातें हम सबको समझाते रहते है
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 29 дней назад
आप जी के संग का ही प्रभाव है प्रभु जी ❤❤
@d.rchantola9158
@d.rchantola9158 29 дней назад
जीवन की वास्तविकता का सुन्दर विश्लेषण किया गया है।
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 29 дней назад
आप जी के संग का ही प्रभाव है प्रभु जी ❤❤❤
@Maanvikadoliya224
@Maanvikadoliya224 7 дней назад
🙏🏻🙏🏻
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 7 дней назад
🙏💐💕💕🌹
@bhagwatibhatt6838
@bhagwatibhatt6838 29 дней назад
🙏🙏
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 29 дней назад
Thanks 🙏💕
@dineshmahara4779
@dineshmahara4779 28 дней назад
Bilkul sahi baat jai ho
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 28 дней назад
Thanks 🙏
@nirmalababli9456
@nirmalababli9456 29 дней назад
धन निरंकार जी बहुत ही अच्छी तरह से समझा देते हो जी संतो जी
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 29 дней назад
आप का प्यार है इसलिए अच्छा लगता होगा जी
@SadhanaSingh-iw9by
@SadhanaSingh-iw9by 20 дней назад
Jindagi kaya hai ? Paheli hai 🎉🎉❤
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok
@UTSAHIIMPERSONALENERGY-yg3ok 20 дней назад
जो जैसे जीता है वैसा ही बयान करता है जी
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